Akbar Birbal Vinod Hindi Book in PDF Download
This collection of stories, adorned with satire and humor of Akbar and Birbal, has the power to hold on to wisdom and make wise decisions even in the most difficult situations of life. In these funny stories of Akbar-Birbal, there are quirks of life, but also the squid of time. The stories in this collection also depict astonishingly intelligent attitudes to be unaffected by the many astonishing incidents of greed, jealousy and selfishness. Truth be told, the enigmatic mysteries of life are embedded in the tussle between Akbar and Birbal, which also gives encouragement to the reader, and also tickles. These stories teach how to hold on to laughter and show how the effect of open jokes is perpetuated. The variety of themes in the collection is captivating. With all the discrepancies and irony of life-business, these stories, while saving spontaneous humor, open the deep mysteries of life. If Akbar had not found a companion like Birbal, his life would have become dull. In this collection only those jokes of Birbal and Akbar are collected which are more popular and full of humor. Hope its readers will get some special entertainment from this. If this happens, then we will consider our labor successful.
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अकबर बीरबल विनोद हिंदी में किताब करें पीडीएफ में डाउनलोड
अकबर और बीरबल के व्यंग्य-विनोद से सजी कहानियों का यह संग्रह जीवन की कठिनतम परिस्थितियों में भी सूझ का दामन थामे रहने और विवेकपूर्ण निर्णय लेने की प्रेरणा देने का माद्दा रखता है। अकबर-बीरबल की चुहल-भरी इन कहानियों में जीवन की अठखेलियाँ हैं तो समय का विद्रूप भी। लोभ, ईर्ष्या और स्वार्थ की अचम्भित कर देनेवाली अनेक घटनाओं से अप्रभावित रह सकने के सूझ-भरे दृष्टिकोणों का हैरतअंगेज चित्राण भी इस संग्रह की कहानियाँ करती हैं। सच कहा जाए तो अकबर और बीरबल के बीच चलनेवाली नोक-झोंक में जीवन के गूढ़ रहस्य पैवस्त हैं जो पाठक को हौसला भी देते हैं, और गुदगुदाते भी हैं। ये कहानियाँ हँसी का दामन थामे हुए चलना सिखाती हैं और बताती हैं कि उन्मुक्त परिहास का असर किस तरह स्थायित्व ग्रहण कर लेता है। संग्रह की कहानियों के विषय-वैविध्य लुभाते हैं। जीवन-व्यापार की समस्त विसंगतियों और विडम्बनाओं के साथ सहज हास्य को सहेजती-बटोरती चलती ये कहानियाँ जीवन के गूढ़ रहस्यों को खोलती हैं।अकबर को यदि बीरबल-सा साथी न मिला होता तो उसका जीवन नीरस हो जाता। इस संग्रह में बीरबल और अकबर के वे ही मजाक संग्रहीत हैं जो अधिक प्रचलित हैं और हास्यरस से भरे हुए हैं।
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Particulars (विवरण) | (आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी) |
अकबर बीरबल विनोद | Akbar Birbal Vinod | |
रामानन्द द्विवेदी - Ramanand Dvivedi | |
कहानियाँ / Stories |
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