महात्मा गांधी की जीवनी pdf | Mahatma Gandhi Ek Jivani PDF Download by B. R. Nanda

महात्मा गांधी की जीवनी इन हिंदी | Mahatma Gandhi Ek Jivani PDF Download Free 

महात्मा गांधी की जीवनी pdf | Mahatma Gandhi Ek Jivani PDF Download

Mahatma Gandhi Ek Jivani Book in PDF Download

Mahatma Gandhi Ek Jivani PDF, महात्मा गांधी की जीवनी PDF Free download, महात्मा गांधी की जीवनी PDF किताब, महात्मा गाँधी एक जीवनी PDF,महात्मा गांधी की जीवनी बुक फ्री डाउनलोड, Mahatma Gandhi ki Jivani PDF Download. Like Gandhiji, in his lifetime, Nikhil has probably never been someone else who has pulsated and agitated the mind and soul of humanity so much. Einstein rightly wrote in July 1944 that "future" generations will not believe that there was ever a Gandhi in flesh and blood on this earth!" Millions of people worshiped him as a Mahatma, while political opponents He was considered to be a clever politician. The British too, after the transfer of power, could see and recognize the true nature of Manav Gandhi from the great rebel Mr. Gandhi only after 1946-47. His Pakistani detractors even after his tragic death. One could only believe that Gandhi's humanity was far higher than his devotion to Hinduism.

It is not an easy task to write a biography of a person who has made such a tremendous impression on our contemporaries. But by saving them from being adorned with the dignity of an incarnation in the Hindu god-tradition, it has become absolutely necessary to establish themselves as an innate human being, constantly struggling for self-discipline and self-development, influenced by circumstances as well as the regulatory creator of circumstances. One who firmly upheld and upheld those human qualities, which the civilized world swears a lot on, but on which he does not practice at all.

By clicking on the link given below, you can download the written book Mahatma Gandhi Ek Jivani in PDF.

महात्मा गांधी की जीवनी पीडीएफ में डाउनलोड करे 

गांधीजी की भांति अपने जीवन काल में निखिल मानवता के मन-प्राणों को इतना अधिक स्पंदित और आंदोलित करनेवाला तो शायद दूसरा कोई हुआ ही नहीं। आइंस्टीन ने जुलाई १९४४ में सच ही लिखा था कि "भावी" पीढ़ियों को विश्वास ही न होगा कि इस धरती पर हाड़-मांस का कोई गांधी कभी जन्मा भी था !" लाखों-लाख जनता उन्हें महात्मा के रूप में पूजती थी, जबकि राजनैतिक विरोधी उन्हें चतुर राजनीतिज्ञ ही समझते थे । अंग्रेज भी सत्ता का हस्तांतरण हो जाने पर १९४६-४७ के बाद ही महा विद्रोही मि० गांधी से मानव गांधी को भिन्न करके देख और उनके सही स्वरूप को पहचान सके । उनके पाकिस्तानी निंदकों को तो उनको दुःखद मृत्यु के बाद ही विश्वास हो सका कि गांधीजी की मानवता हिंदू धर्म में उनकी श्रद्धा भक्ति से कहीं ऊंची थी।

अपने समसामयिकों पर ऐसी जबर्दस्त छाप डालनेवाले व्यक्ति की जीवनी लिखना आसान काम नहीं है। लेकिन उन्हें हिंदू देव-परंपरा में अवतार पुरुप की गरिमा से मंडित किये जाने से बचाकर आत्मानुशासन और आत्म-विकास के लिए सतत संघर्षशील, परिस्थितियों से प्रभावित और साथ ही परिस्थितियों के नियामक निर्माता सहज मानव के रूप में प्रतिष्ठित करना भी नितांत आवश्यक हो गया है, जिसने उन मानवी गुणों का दृढ़ता से पालन और समर्थन किया, जिनकी कसमें तो सभ्य जगत खूब खाता है, पर जिनपर आचरण वह रत्तीभर भी नहीं करता । Mahatma Gandhi Ek Jivani PDF, महात्मा गांधी की जीवनी PDF Free download, महात्मा गांधी की जीवनी PDF किताब, महात्मा गाँधी एक जीवनी PDF,महात्मा गांधी की जीवनी बुक फ्री डाउनलोड, Mahatma Gandhi ki Jivani PDF Download.

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके, आप लिखित पुस्तक महात्मा गाँधी एक जीवनी पीडीएफ में डाउनलोड कर सकते हैं।


Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

महात्मा गाँधी एक जीवनी | Mahatma Gandhi Ek Jivani PDF

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

बी. आर. नंदा / B. R. Nanda

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

Hindi

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

17 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 386

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

जीवनी / Biography


 


 


 ॥ सूचना ॥
अगर इस पेज पर दी हुई सामग्री से सम्बंधित कोई भी सुझाव, शिकायत या डाउनलोड नही हो रहे हो तो नीचे दिए गए "Contact Us" के माध्यम से सूचित करें। हम आपके सुझाव या शिकायत पर जल्द से जल्द अमल करेंगे।

Download Other Popular Books 👇

No comments:

Post a Comment