Brahmachry Sadhana Hindi PDF Book |
Some Excerpts From the Book Brahmachry Sadhana
Brahmacharya-sadhana is the basic wall of spiritual practice. Without purity of body, senses, and mind one cannot attain Brahma-realization. Brahmacharya sadhana is the only source of all material and spiritual possessions. No other subject in human life is as important as celibacy. Brahmacharya is a great austerity. Brahmacharya is a great wealth. Brahmacharya is the destroyer of spiritual light. It is the power of Brahmacharya that transforms man into divinity. Brahmacharya awakens the heart-Padma, thereby spreading the glory of divine qualities like compassion, kindness, patience, strength, valor, tolerance, purity, non-violence, fearlessness, etc.
It is not easy to get experienced and practical details and teachings on Brahmacharya-Sadhana. Due to a lack of empirical books on this subject, the youth are not able to walk on the path of celibacy. This book will fulfill this huge influence on the Hindi world.
This is a simple translation of "Practice of Brahmacharya" written by Shri Swami Shivanand Ji Maharaj. For the benefit of the seekers, the second chapter has also been attached to this book, in which there are also compilations of Swami Shivanand Ji Maharaj's articles related to celibacy. This book is a boon for the students. Men or women, young men and old householders or sannyasins can all benefit greatly from it.
It is our hope and belief that Hindi-speaking people will get enough benefit from our efforts and will pave the path to the realization of Brahma by taking a firm determination to lead a pure life.
By clicking on the link given below, you can download the written book Brahmachry Sadhana in PDF.
ब्रह्मचर्य साधना पुस्तक के कुछ अंश
ब्रह्मचर्य - साधना ही श्राध्यात्मिक साधना की मूल भित्ति है। शरीर, इन्द्रिय तथा मन की शुद्धता के बिना मनुष्य ब्रह्म-साक्षात्कार प्राप्त नहीं कर सकता । ब्रह्मचर्य साधना सारी भौतिक तथा आध्यात्मिक संपत्तियों की एकमेव कुरूंजी है। मनुष्य जीवन में अन्य कोई भी विषय इतना महत्व नहीं रखता जितना कि ब्रह्मचर्य । ब्रह्मचर्य महान् तप है । ब्रह्मचर्य महान् धन है । ब्रह्मचर्य श्रात्मिक ज्योति का विभासक है । ब्रह्म चर्य की शक्ति ही मनुष्य को देवत्व में परिणत कर डालती है । ब्रह्मचर्य हृदय-पद्म को प्रस्फुटित करता है जिससे करुणा, दया, धैर्य, शक्ति, शौर्य, सहनशीलता, शुद्धता, अहिंसा, अभय आदि दिव्य गुणों की मुरभि प्रसारित होती है ।
ब्रह्मचर्य - साधना के ऊपर अनुभवी एवं व्यावहारिक विवरण एवं उपदेशों को प्राप्त करना श्रासान नहीं है । इस विषय पर अनुभव सिद्ध पुस्तकों की कमी के कारण युवक गण ब्रह्मचर्य - पथ पर चलने में समर्थ नहीं हो पाते। यह पुस्तक हिंदी जगत के इस भारी प्रभाव की पूर्ति करेगी।
यह श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज द्वारा लिखित " Practice of Brahmacharya" का सरल भावानुवाद है । साधकों के हितार्थ इस पुस्तक में द्वितीय अध्याय भी संलग्न किया है जिसमें भी स्वामी शिवानन्द जी महाराज के ब्रह्मचर्य संबंधी लेखों के संकलन हैं । यह पुस्तक विद्यार्थियों लिये वरदान स्वरूप है। पुरुष अथवा स्त्री, युवक एवं वृद्ध गृहस्थी अथवा संन्यासी सभी इससे यथेष्ट लाभ उठा सकते हैं ।
आशा एवं विश्वास है कि हमारे प्रयास से हिन्दी भाषा भाषी जनसा पर्याप्त लाभ उठावेगी तथा शुद्धतामय जीवन-यापन का दृढ़ संकल्प लेकर ब्रह्म-साक्षात्कार के पथ को प्रशस्त करेगी ।
नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके, आप लिखित पुस्तक ब्रह्मचर्य साधना पीडीएफ में डाउनलोड कर सकते हैं।
Particulars (विवरण) | (आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी) |
ब्रह्मचर्य साधना / Brahmachry Sadhana PDF | |
श्री स्वामी शिवानन्द सरस्वती / Shri Swami Shivanand Sarasvati | |
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