जप योग हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Jap Yoga Hindi PDF Book by Swami Shivanand Sarasvati

जप योग हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Jap Yoga Hindi PDF Book by Swami Shivanand Sarasvati

Some Excerpts From the Book Jap Yoga

In this Kalikal, only chanting is the only way to attain God. Swami Madhusudan Saraswati, the interpreter of the Gita and the eminent proponent of the book Advaitasiddhi, had a direct vision of Lord Sri Krishna by chanting the Sri Krishna-mantra. Swami Vidyaranya, the founder of the famous book called Panchadashi, had a direct vision of Mother Gayatri through chanting; But nowadays the faith of all the educated people and college students has been lost due to the influence of science on the mantras. They have given up chanting altogether. It is indeed a matter of great regret. As long as there is warmth in the blood, English-educated people remain stubborn, arrogant, and atheists. There is a need for a complete rejuvenation of his mind and mind. Life is short. time is running. The world is full of torments. Cut off the knots of ignorance and enjoy nirvana - happiness. The day that you spend without chanting, consider it to be in vain. Those who waste time in this world only in eating, drinking, and sleeping and who do not chant at all, they are two-legged animals.

By clicking on the link given below, you can download the written book Jap Yoga in PDF.

जप योग पुस्तक के कुछ अंश

इस कलिकाल में भगवत्प्राप्ति का केवल जप ही एक सरल उपाय है | गीता के व्याख्याकार और अद्वैतसिद्धि नामक ग्रन्थ के प्रख्यात प्रणेता स्वामी मधुसूदन सरस्वती को श्रीकृष्ण-मन्त्र के जप से ही भगवान् श्रीकृष्ण के साक्षात् दर्शन हुए थे । पञ्चदशी नामक प्रसिद्ध ग्रन्थ के प्रणेता स्वामी विद्यारण्य को जप द्वारा ही माता गायत्री के प्रत्यक्ष दर्शन हुए थे; पर आज कल सभी शिक्षित लोगों और कालेजों के विद्याभियों का विश्वास मन्त्रों पर से विज्ञान के प्रभाव से उठ गया है। जप करना उन लोगों ने बिलकुल छोड़ दिया है । यह सचमुच बड़े ही खेद की बात है । जब तक खून में गरमी रहती है तब तक अंग्रेजी पढ़े-लिखे लोग जिद्दी, अभिमानी और नास्तिक रहते हैं । उनके मन और मस्तिष्क का एक वार पूरी तरह कायाकल्प कराने की श्रावश्यकता है । जीवन अल्प है। समय भागा जा रहा है । संसार यातनाओं से पूर्ण है । अविद्या की गांठें काट कर निर्वाण -सुख का आनन्द लो। तुम्हारा जो दिन विना जप किये बीतता है उसे तुम व्यर्थ गया समझो। जो इस संसार में केवल खाने पीने और सोने में ही समय खोते है और जो बिलकुल जप नहीं करते, वे दो पैर वाले पशु हैं ।

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके, आप लिखित पुस्तक जप योग पीडीएफ में डाउनलोड कर सकते हैं। 


Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

जप योग / Jap Yoga PDF

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

 श्री स्वामी शिवानन्द सरस्वती / Shri Swami Shivanand Sarasvati

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

Hindi

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

4 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

807

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

Religion & Spirituality


 
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