Samrangan Sutradhar Vastu Sastram Hindi Book in PDF Download
Samrangan Sutradhar Vastu Sastram hindi pdf by Paramar raja bhoj , Samrangan Sutradhar Vastu Sastram Hindi pdf free download, Samrangan Sutradhar Vastu Sastram hindi pdf file.Samarangansutradhar is an encyclopedic text related to Indian Vastu Shastra. Which was composed by the Parmar king Bhoj (1000-1055 AD) of Dhar. There are 83 chapters in this text, in which city-planning, building crafts, temple crafts, sculptures and instruments with postures (Chapter 31, named 'Yantravidhan') are described. Many instruments are described in this chapter. Wooden planes, mechanical concierges and soldiers can catch a glimpse of robots in them.
In the Samarangan Sutradhar text of Raja Bhoj, there is a mention of the female-statue-machine (robot) - the male-robot is a machine that resembles a human in texture. Countries like China, Japan have started developing robots.
A lot of our scriptural wealth was destroyed, otherwise all these things were in our scriptures, still only indications are found in many remaining scriptures. At the time of Raja Bhoj, there will be some book of Muni Vishwakarma from which he has mentioned this knowledge. But here the method is not given. It is clear from this that the mention of robot was definitely in some of the earlier texts. Raja Bhoj explained its importance briefly.
Now let's see the mention of robot i.e. human being in the book -
"Ath Dasadi Parijanvargarvina Tatkrityana
sarvesham yathavannirvahanaya kalpitasya
femininity event"
That is, if there are no servants and family members at home, then men and women refer to the Pratima Yantra (robot) for performing work.
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समरांगण सूत्रधार पीडीएफ में डाउनलोड करे
समरांगण सूत्रधार PDF Download, समरांगण सूत्रधार पीडीएफ डाऊनलोड, समरांगण सूत्रधार PDF, समरांगणसूत्रधार भारतीय वास्तुशास्त्र से सम्बन्धित ज्ञानकोशीय ग्रन्थ है। जिसकी रचना धार के परमार राजा भोज (1000-1055 ई) ने की थी। इस ग्रन्थ में ८३ अध्याय हैं जिनमें नगर-योजना, भवन शिल्प, मंदिर शिल्प, मूर्तिकला तथा मुद्राओं सहित यंत्रों के बारे में (अध्याय ३१, जिसका नाम 'यन्त्रविधान' है) वर्णन है। इस अध्याय में अनेक यंत्रों का वर्णन है। लकड़ी के वायुयान, यांत्रिक दरबान तथा सिपाही, इनमें रोबोट की एक झलक देख सकते हैं।
राजा भोज के समरांगण सूत्रधार ग्रन्थ में स्त्री - प्रतिमा-यंत्र (रोबोट ) का उल्लेख - पुरुष- रोबोट एक मशीन होता है जो बनावट में मनुष्य सदृश्य होता है। चाइना, जापान जैसे देश तो रोबट विकसित करने में लग गये है।
हमारी काफी शास्त्र सम्पदा नष्ट हो गई अन्यथा ये सब चीज़े हमारे शास्त्रों में थी अभी भी कई बचे हुए शास्त्रों में संकेत मात्र मिल जाते है। राजा भोज के समय विश्वकर्मा मुनि का कोई ग्रन्थ होगा जिससे उन्होंने इस विद्या का उलेख किया है। लेकिन यहा विधि नही दी। इससे स्पष्ट है कि रोबोट का उल्लेख उनसे पूर्व के किसी ग्रन्थ में अवश्य था। राजा भोज ने उसका संक्षिप्त महत्व प्रतिपादित कर दिया।
अब ग्रन्थ में आये रोबट अर्थात यंत्र मानव का उलेख देखते है -
"अथ दासादि परिजनवर्गेर्विना तत्कृत्याना
सर्वेषां यथावन्निर्वहणाय कल्पितस्य
स्त्रीपुरुषप्रतिमायंत्र घटना"
अर्थात- घर पर सेवक और परिजन न हो तो कार्य सम्पादन हेतु स्त्री पुरुष प्रतिमा यंत्र (रोबोट ) का उलेख करते है -
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समरांगण सूत्रधार- परमार राजा भोज | Samrangan Sutradhar Vastu Sastram Paramar raja bhoj | |
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