Some Excerpts From the Book Kalki Avatar : Hinduon Ke Dharmik Granthon Mein
According to Vaishnava cosmology, Hindus are considered to be the tenth incarnation of Lord Vishnu at the end of Kali Yuga, the last of the four endless cycles.
According to religious texts, Lord Vishnu will incarnate in the form of Kalki in Kali Yuga. Kalki Avatar will be in the period of Kaliyug and Satyuga.
According to mythology, when the limit of sin is crossed in Kaliyuga, Kalki avatar will appear to destroy the wicked in the world.
Hindu religious texts
"Kalki Avtar Ahmed"
In the basic texts of various religions around the world, there is a mention of Kalki incarnation appearing in Kali Yuga. Along with this, mention of his beautiful, golden, best and important exploits and deeds is also found. There is agreement in the books of Hindus and Muslims in his being named "Ahmad".
Avataravad or Risalte Jaria
All religions around the world, such as Zoroastrianism (Iran), Hinduism, Muslims, Sikhs, Buddhists, Christians, Judaism, say that in Kaliyuga an avatar, reformer and Muslim will appear, who will be the common, Vaishvanarasya, world of all castes. Guru will be there. Who will bring together all castes and followers of all religions in one place and on one true religion. Eternal justice and a world-wide brotherhood will establish universal brotherhood and masavat and peace and harmony among all. In this way human beings will be able to live life only by love and society will become heaven.
Shrimad Bhagavad Gita
Shri Krishna Ji Maharaj, the greatest incarnation of India to emerge from the Hindus, has preached the continuation of Avatar Vad or Risalte Jaria in principle in clear words.
You have given true message to mankind in Shrimad Bhagwat Geeta.
That :
“Yada yadahi dharmasya glani bhavati bharat I abhiyuttha nama dharma masya tadatmanam srjamya hum ,
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कल्कि अवतार – हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथों में पुस्तक के कुछ अंश
वैष्णव ब्रह्माण्ड विज्ञान के अनुसार अन्तहीन चक्र वाले चार कालों में से अन्तिम कलियुग के अन्त में हिन्दू भगवान विष्णु के दसवें अवतार माने जाते हैं।जब भगवान कल्कि देवदत्त नाम के घोड़े पर आरूढ़ होकर तलवार से दुष्टों का संहार करेंगे तब सतयुग का प्रारंभ होगा
धर्म ग्रंथों के अनुसार कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे। कल्कि अवतार कलियुग व सतयुग के संधिकाल में होगा।
पुराणकथाओं के अनुसार कलियुग में पाप की सीमा पार होने पर विश्व में दुष्टों के संहार के लिये कल्कि अवतार प्रकट होगा।
हिन्दुओं के धार्मिक ग्रन्थों में
“कल्कि अवतार अहमद "
संसार भर के विभिन्न धर्मों के आधारभूत ग्रन्थों में कलियुग में प्रकट होने वाले कल्कि अवतार का उल्लेख मिलता है। साथ ही उस के सुन्दर, सुनहरे, श्रेष्ठ और महत्वपूर्ण कारनामों और कामों का उल्लेख भी मिलता है । उसके "अहमद" नाम होने में हिन्दुओं तथा मुसलमानों की पुस्तकों में सहमति पाई जाती है ।
अवतारवाद अथवा रिसालते जारिया
विश्व भर के सभी धर्मों, जैसे पारसी धर्म (ईरान), हिन्दू धर्म, मुसलमान, सिक्ख, बौद्ध, इसाई, यहूदी धर्मों वाले कहते हैं कि कलियुग में एक अवतार, सुधारक व मुस्लेह प्रकट होगा, जो सब जातियों का सांझा, वैश्वानरस्य, जगत गुरू होगा । जो समस्त जातियों को तथा सब धर्मों के अनुयायियों को एक स्थान पर तथा एक ही सत्यधर्म पर ला इकट्टा करेगा। सब में अदल-न्याय और एक विश्व-व्यापि भाई-चारा Universal brotherhood और मसावात एवं अमन व शान्ति स्थापित कर देगा। इस प्रकार मानव मात्र प्रेम से जीवन व्यतीत कर सकेंगे तथा समाज स्वर्ग बन जायेगा ।
श्रीमद् भगवत गीता
हिन्दुओं में से प्रादुर्भूत होने वाले भारत के सब से बड़े अवतार श्री कृष्ण जी महाराज ने सिद्धान्तिक रूप में स्पष्ट शब्दों में अवतार वाद या रिसालते जारिया के जारी रहने का उपदेश दिया है ।
आप ने श्रीमद् भगवत गीता में मानव मात्र को सत्य संदेश दिया है
कि :
“यदा यदाहि धर्मस्य ग्लानि र्भवति भारत I अभियुत्था नम् धर्म मस्य तदात्मानं सृजाम्य हम् ॥ "
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Particulars (विवरण) | (आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी) |
कल्कि अवतार – हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथों में | Kalki Avatar : Hinduon Ke Dharmik Granthon Mein PDF | |
खुशीद अहमद प्रभाकर / Khushid Ahmed Prabhakar | |
Hindi | |
Granth,धार्मिक / Religious,Hindi |
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