Lekhan Kala ka Itihas Part- 1 Book in PDF Download
Lekhan Kala ka Itihas Part- 1 book in Hindi, Lekhan Kala ka Itihas Part- 1 Book in Hindi PDF, Lekhan Kala ka Itihas Part- 1 in Hindi, Lekhan Kala ka Itihas Part- 1 book This book discusses the birth and development of almost all the scripts from the beginning of the period ie 5000 years ago to the present period and their relationship with other scripts is discussed in detail. Wherever ancient clips were extracted by excavation, they are given in all the place maps of different countries. Along with the period of those scripts and the history of the country from ancient to archaic, the form of the contribution of ancient human beings in the development of scripts and the efforts of ancient human beings to read them is given in this book along with the proof.
Probably this will be the first attempt by me to transcribe the sounds of all scripts and their characters to the world through the Hindi language and its Devanagari script. By the way, even before that, a book had been written by Shri Mohammad Ishaq Siddiqui on the scripts of the world in Urdu language. This effort is not an end, but the beginning of this that Hindi is to be made Vishwa Bharati. So its foundation will have to prepare language and scripts from the point of view of the world's language. Even before language, the script has to be given importance. Even from this point of view, it will be the first book in Hindi or Indian language,
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लेखनकला का इतिहास प्रथम खण्ड किताब करें पीडीएफ में डाउनलोड
लेखनकला का इतिहास प्रथम खण्ड पीडीएफ डाउनलोड, लेखनकला का इतिहास प्रथम खण्ड पीडीएफ,लेखनकला का इतिहास प्रथम खण्ड pdf download इस पुस्तक में आदिकाल अर्थात् ५००० वर्ष पूर्व से वर्तमान काल तक की लगभग सभी लिपियों के जन्म व विकास की तथा अन्य लिपियों से उनके सम्बन्ध की विस्तार से प्रमाणों सहित चर्चा की गयी है। जहाँ जहाँ से प्राचीन क्लिपियाँ उत्खनन द्वारा निकाली गयीं, वे भिन्न-भिन्न देशों के सारे स्थान मानचित्रों में दिये गये हैं। साथ साथ उन लिपियों का काल एवं देश का प्राचीन से अर्वाचीन तक का इतिहास, प्राचीन मानव का लिपियों के विकास में योगदान का रूप तथा अर्वाचीन मानव का उनको पढ़ने का प्रयास प्रमाण सहित इस पुस्तक में दिया गया है।
सम्भवतः हिन्दी भाषा एवं उसकी देवनागरी लिपि के माध्यम से विश्व को समस्त लिपियों की ध्वनियों को तथा उनके वर्णों को लिपिबद्ध करने का मेरे द्वारा यह प्रथम प्रयास होगा। वैसे तो इसके पूर्व भी एक पुस्तक उर्दू भाषा में विश्व की लिपियों पर श्री मोहम्मद ईशाक सिद्दीकी द्वारा लिखी जा चुकी थी। यह प्रयास एक अन्त नहीं, अपितु इस बात का श्रीगणेश है कि हिन्दी को विश्व भारती बनाना है। तो उसके बुनियाद को भाषा और लिपियों को विश्व की भाषा की दृष्टि से अन्वेषण ग्रंथ तैयार करने होगें । भाषा से भी पहले लिपि को महत्व देना होगा। इस दृष्टि से भी यह हिन्दी या भारतीय भाषा में प्रथम पुस्तक होगी।
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Particulars (विवरण) | (आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी) |
लेखनकला का इतिहास प्रथम खण्ड | Lekhan Kala ka Itihas Part- 1 | |
ईश्वरचन्द्र राही / EswarChand Rahi, | |
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