Maharishi Vishwamitra biography Hindi Book in PDF Download
Maharishi Vishwamitra
Vishwamitra, one of the great sages of the Indian Vedic period, was born in a Kanyakubja Brahmin family (Kanauj). He was the grandson of King Kushanabha of Amavasu dynasty and the son of King Kathi. His birth name was Vishwarath. He was a prajapriya, mighty and fiery king Kaushik before taking up the sage religion. On attaining Brahmanism from Kshatriyatva, he came to be called Vishwamitra. He is considered a contemporary sage of sages Vashistha and Bharadwaja. Vashistha Vishwamitra dispute The story of the dispute between King Kaushik (Vishwamitra) and Maharishi Vasistha is amazing. Kaushik was a great king. He was famous for his bravery and valor. Once he went out into the forest with his huge army. While roaming, they camped at one place. He was stunned to see other animals walking fearlessly in that dense forest with frightened wild animals, and there seemed to be no difference between them and they were moving freely together. The king was delighted to see the very calm atmosphere of that forest. He saw an ashram there. It was the ashram of Rishi Vashistha.
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महर्षि विश्वामित्र
भारतीय वैदिक काल के महर्षियों में से एक विश्वामित्र का जन्म कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार (कन्नौज) में हुआ था। वह अमावसू वंश के राजा कुशनाभ के पौत्र एवं राजा कथि के पुत्र थे। उनका जन्म का नाम विश्वरथ था। ऋषि धर्म धारण करने से पूर्व वह एक प्रजाप्रिय, पराक्रमी और तेजस्वी राजा कौशिक थे। क्षत्रियत्व से ब्राह्मणत्व प्राप्त करने पर उन्हें विश्वामित्र कहा जाने लगा। वह ऋषि वशिष्ठ एवं भारद्वाज ऋषि के समकालीन ऋषि माने जाते हैं।वशिष्ठ विश्वामित्र विवाद राजा कौशिक (विश्वामित्र) और महर्षि वशिष्ठ के बीच विवाद की कथा अद्भुत है। कौशिक एक महाप्रतापी राजा थे। वह अपने शौर्य एवं पराक्रम के लिए प्रसिद्ध थे। एक बार वे अपनी विशाल सेना के साथ वन में निकले। घूमते हुए उन्होंने एक स्थान पर डेरा डाला। उस घने जंगल में डरावने वन्य पशुओं के साथ अन्य पशुओं को निर्भीकता के साथ घूमते देख कर वे चकित रह गये लगता था कि उनमें परस्पर कोई वैरभाव नहीं था और वे सहज ही मिलजुल कर घूम रहे थे। उस वन के अत्यंत शांत वातावरण को देखकर राजा आनंदित हुए। उन्हें वहाँ एक आश्रम दिखायी दिया। वह वशिष्ठ ऋषि का आश्रम था।
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Unknown | |
जीवनी / Biography |
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