भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक | Bharatiy Lokantantr Ke Pratik PDF Download Free

 

भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक | Bharatiy Lokantantr Ke Pratik

Bharatiy Lokantantr Ke Pratik Hindi Book in PDF Download

Bharatiy Lokantantr Ke Pratik hindi pdf by ZAKIR HUSSAIN,, Bharatiy Lokantantr Ke Pratik hindi pdf free download, Bharatiy Lokantantr Ke Pratik hindi pdf file  After the national salute and prayers, his body was put to sleep in the grave. The Prime Minister, the Deputy Prime Minister, the Chief Justice, the Speaker of the Lok Sabha, foreign ambassadors and the President's brothers put soil in his grave. In this way the body of a great child of India, Dr. Zakir Hussain, got mixed in the soil. But like rose water and roses sprinkled on the grave, the fragrance of his personality permeated the air. Addressing the bereaved nation, the acting President, Shri Varahagiri Venkata Giri while praising the late leader's patriotism and sacrifice said, "Dr. Zakir Hussain was a representative of the best elements of our culture. He was truly Ajatashatru."

Referring to the great contribution of the late President to the national education, Mr. Giri said, "Who can forget the work done by this great human and ideal teacher to revolutionize the education of our country? He is the service of mankind, generosity. He was a true follower of Gandhiji in patriotism and his life was devoted to the service of the nation. He has left a deep mark on the cultural upliftment of the country." In the end, Mr. Giri said, "He was a pillar of strength for the government and the people. Hindu, Muslim, Christian, Sikh, Parsi, poor, rich, high and low - Dr. Zakir Hussain was dear to all.

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भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक PDF Download, भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक पीडीएफ डाऊनलोड, भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक PDF राष्ट्रीय सलामी और नमाजे-जनाजा के बाद उनके शव को कब्र में सुला दिया गया। प्रधान मंत्री, उप प्रधान मंत्री, प्रधान न्यायाधीश, लोकसभा के अध्यक्ष, विदेशी राजदूतों और राष्ट्रपति के बंधुओं ने उनकी कब्र में मिट्टी डाली । इस प्रकार भारत की एक महान संतान डा० जाकिर हुसैन की मिट्टी की काया मिट्टी में मिल गई। मगर कब्र पर छिड़के हुए गुलाब जल और गुलाब के फूलों की तरह, उनके व्यक्तित्व की सुगन्ध हवा में व्याप्त हो गई। शोकाकुल राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए कार्यकारी राष्ट्रपति श्री वराहगिरि वेंकट गिरि ने दिवंगत नेता की देशभक्ति और श्रात्मत्याग की प्रशंसा करते हुए कहा, "डा० जाकिर हुसैन हमारी संस्कृति के सर्वोत्तम तत्त्वों प्रतिनिधि थे। वह सचमुच अजातशत्रु थे ।"

श्री गिरि ने मरहूम राष्ट्रपति के राष्ट्रीय शिक्षा में महान योगदान की चर्चा करते हुए कहा, "हमारे देश की शिक्षा में क्रांति लाने के लिए इस महामानव और आदर्श अध्यापक ने जो काम किया, उसे कौन भूल सकता है ? वह मानव मात्र की सेवा, उदारता और देशभक्ति में गांधीजी के सच्चे अनुयायी थे और उनका जीवन राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित था। देश के सांस्कृतिक उत्थान पर उनकी गहरी छाप पड़ी है। " अन्त में श्री गिरि ने कहा, "वह सरकार और जनता के लिए शक्ति के स्तम्भ थे । हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, सिख, पारसी, गरीब, अमीर, ऊंच, नीच - डाक्टर जाकिर हुसैन सभी के प्रिय थे | हमारे मरहूम राष्ट्रपति जाकिर हुसैन साहब ने देश की जो विविध सेवाएं कीं, वे हम सबको सदा प्रेरणा देती रहेंगी ।"

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Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक | Bharatiy Lokantantr Ke Pratik

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

ज़ाकिर हुसैन / ZAKIR HUSSAIN

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

 हिंदी (Hindi) 

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

  1 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 48

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

इतिहास / History,जीवनी / Biography


 


 


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