Mantra Yoga Hindi Book in PDF Download
Mantra Yoga hindi pdf by Chaman Lal Gautam, Mantra Yoga hindi pdf free download, Mantra Yoga hindi pdf file Mantra Vidya is an ancient heritage of India, whose results had astonished the whole world because it had access to every sphere of life and all kinds of physical and spiritual achievements were accomplished from it. For the accomplishment of the mantra, severe austerities were done in ancient times, which seems impossible today. After listening to these great achievements and the benefits and greatness mentioned in the scriptures, the desire to become perfect is awakened in many people, but they want to get it in a short time in the form of miraculous learning, which is completely impossible. In order to achieve accomplishment, all those procedures have to be adopted which the mantra experts have prescribed for them. In the absence of necessary auxiliary materials, no action can be performed, so how can there be an explosion of subtle energy by the mantra? Certainly, mantra learning is based on the word science, which has also been supported by modern science. Every word and letter has its own specific effect, but it is necessary to practice its use and follow the auxiliary procedures.
Mantra experts, as a result of their long-term searches, had decided 16 parts of mantra yoga, which are described in the scriptures as follows:
1 devotion, 2 - purification, 3 asanas, 4 Panchang intake, 5 - conduct, 6 dharana, divyadesh intake, 8-prana kriya, 6 - mudra, 10, tarpan, 11 yagya, 12 sacrifice, 13 yag, 14 japa, 15 Meditation, 16 Samadhi.
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मंत्र योग PDF Download, मंत्र योग पीडीएफ डाऊनलोड, मंत्र योग PDF मन्त्र विद्या भारतवर्ष की एक प्राचीन धरोहर है जिसके परिणामों ने सारे विश्व को चमत्कृत कर दिया था क्योंकि जीवन के हर क्षेत्र में इसका प्रवेश था और भौतिक व आध्यात्मिक सभी प्रकार की उपलब्धियाँ इससे सम्पन्न की जाती थी । मन्त्र सिद्धि के लिए प्राचीनकाल में घोर तपश्चर्यायें की जाती थी जो आज असम्भव प्रतीत होती है । इन महान उपलब्धियों और शास्त्रों में वर्णित लाभों और माहात्म्य को पढ़ सुनकर अनेकों व्यक्तियों में सिद्ध बनने की इच्छा तो जागृत होती है परन्तु वह चमत्कारी विद्या के रूप में थोड़े समय में ही प्राप्त करना चाहते है जो सर्वथा असम्भव है | सिद्धि प्राप्त करने के लिए उन समस्त प्रक्रियाओं को अपनाना होगा जो मन्त्र विशेषज्ञों ने उनके लिये नियत की हैं । आवश्यक सहायक सामग्री के अभाव में कोई भी क्रिया सम्पन्न नहीं हो सकती तो मन्त्र द्वारा सूक्ष्म शक्ति का विस्फोट कैसे हो सकता है ? निश्चय ही मन्त्र विद्या शब्द विज्ञान पर आधारित है जिसका समर्थन आधुनिक विज्ञान ने भी किया है। हर शब्द और वर्ण का अपना विशिष्ट प्रभाव रहता है परन्तु उसके प्रयोग का अभ्यास और सहायक प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है ।
मन्त्र विशेषज्ञों ने अपनी दीर्घकालीन खोंजों के परिणाम स्वरूप मन्त्र योग के १६ अङ्ग निश्चित किये थे जिनका वर्णन शास्त्रों में इस प्रकार आता हैं :
१ भक्ति, २ – शुद्धि, ३ आसन, ४ पंचाङ्ग सेवन, ५ - आचार, ६ धारणा, दिव्यदेश सेवन, ८-प्राण क्रिया, ६ - मुद्रा, १०, तर्पण, ११ यज्ञ, १२ बलि, १३ याग, १४ जप, १५ ध्यान, १६ समाधि ।
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