बेताल पच्चीसी | Betaal Pachisi PDF Download

बेताल पच्चीसी | Betaal Pachisi

 

Betaal Pachisi Book in PDF Download

Betaal Pachisi Pdf Download free, बेताल पच्चीसी पीडीऍफ़ डाउनलोड करें ,Kahaani Shalya Betaal Pachisi book in hindi free download, बेताल पच्चीसी हिंदी में डाउनलोड करें फ्री. It is a matter of ancient times, then Ujjayini (currently Ujjain was ruled by Maharaja Vikramaditya. Vikramaditya was an ideal king in every way. Stories of his charity are still heard in every corner of the country. The king came to his court every day. He used to listen to the sufferings of the subjects and relieve them. One day a monk came to the king's court and left after giving a fruit. Since then the monk started reaching the court every day. The king would give a fruit and the king would hand it over to the treasurer. Ten years passed in this way. He had left it and went to the king. When the monkey's child broke it from the middle to eat that fruit, a precious gem of a very good quality came out of it. Seeing this, the king took the run and called the treasurer. asked him- "I have Where are the fruits that I give you daily brought by the monk?"

By clicking on the link given below, you can download the written book Betaal Pachisi in PDF.

बेताल पच्चीसी हिंदी किताब करें पीडीएफ में डाउनलोड

प्राचीन काल की बात है, तब उज्जयनी (वर्तमान में उज्जैन में महाराज विक्रमादित्य राज किया करते थे। विक्रमादित्य हर प्रकार से एक आदर्श राजा थे। उनकी दानशीलता की कहानियां आज भी देश के कोने कोने में सुनी जाती हैं। राजा प्रतिदिन अपने दरबार में आकर प्रजा के दुखों को सुनते व उनका निवारण किया करते थे। एक दिन राजा के दरबार में एक भिक्षु आया और एक फल देकर चला गया। तब से वह भिक्षु प्रतिदिन राजदरबार में पहुंचने लगा। वह राजा एक फल देता और राजा उसे कोषाध्यक्ष को सौंप देता। इस तरह दस वर्ष व्यतीत हो गए। हमेशा की तरह एक दिन जब वह भिक्षु राजा को फल देकर चला गया तो राजा ने उस दिन फल को कोषाध्यक्ष को न देकर एक पालतू बंदर के बच्चे को दे दिया जो महल के किसी सुरक्षाकर्मी का था और उससे छूटकर राजा के पास चला आया था। उस फल को खाने के लिए जब बंदर के बच्चे ने उसे बीच से तोड़ा तो उसके अंदर से एक बहुत ही उत्तम कोटि का बहुमूल्य रत्न निकला। यह देखकर राजा ने वह रन ले लिया और कोषाध्यक्ष को बुलाकर उससे पूछा- "मैं ने रोज-रोज भिक्षु द्वारा लाया हुआ जो फल तुम्हें देता हूँ, वे फल कहां हैं ?" Betaal Pachisi Pdf Download free, बेताल पच्चीसी पीडीऍफ़ डाउनलोड करें ,Kahaani Shalya Betaal Pachisi book in hindi free download, बेताल पच्चीसी हिंदी में डाउनलोड करें फ्री.

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके, आप  लिखित पुस्तक बेताल पच्चीसी हिंदी पीडीएफ में डाउनलोड कर सकते हैं।


Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

 बेताल पच्चीसी | Betaal Pachisi PDF 

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

 वेद प्रकाश सोनी / Ved Prakash Soni

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

 हिंदी (Hindi) 

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

  12 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 151

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

 कहानियाँ / Stories

 


 


 ॥ सूचना ॥
अगर इस पेज पर दी हुई सामग्री से सम्बंधित कोई भी सुझाव, शिकायत या डाउनलोड नही हो रहे हो तो नीचे दिए गए "Contact Us" के माध्यम से सूचित करें। हम आपके सुझाव या शिकायत पर जल्द से जल्द अमल करेंगे।

No comments:

Post a Comment