गुरु शोभा | Guru Shobha Hindi PDF Book

गुरु शोभा इन हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Guru Shobha PDF Download Free 

गुरु शोभा | Guru Shobha Hindi PDF Book

Guru Shobha Book in PDF Download

 'Guru Shobha' is the first verse based on the life of Guru Gobind Singh, whose composition is the unique devotee of Dasam Guru, after the establishment of Khalsa Cult, his court. In this the poet has described his bravery and courage with very reverence and integrity. This brave juice is the masterpiece, because the description of the war-stories of Guru Gobind Singh has been done in more detail. 6 of the 30 chapters are related to war-story, elsewhere war is described. The aim of the poet in the texts is to make this war of Dasam and Shaurya, by describing these warlings. Events are mostly history cool. Although the poet has accepted the incarnation of character-heroes, however, such a miraculous and supernatural incidents were included in it, as the subsequent managers have done. In this composition, there is also a description of the description of Khalsa and Khalsa's qualities, hairstyles, Saber etc.

The commander has got the inspiration of war description ' Has also been depicted.

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प्रस्तुत पुस्तक 'गुरु-शोभा' गुरु गोबिन्दसिंह के जीवन पर आधारित प्रथम पद्य बद्ध प्रबन्ध है जिसकी रचना दशम गुरु के अनन्य भक्त, उनके दरबारी कवि सेनापति ने खालसा पंथ की स्थापना के पश्चात् संवत् १९५८ वि० में की। इसमें कवि ने अत्यन्त श्रद्धा एवं निष्ठा भाव से उनके शौर्य और साहस का वर्णन किया है। यह वीर रस प्रधान रचना है, क्योंकि इस में गुरु गोबिन्दसिंह की युद्ध-कथाओं का वर्णन ही अधिक विस्तार से किया गया है। इसके ३० अध्यायों में से ६ युद्ध-कथा से सम्बन्धित हैं, अन्यत्र भी युद्ध का वर्णन हुआ है । ग्रंथ में कवि का उद्देश्य इन युद्ध-कथाओं के वर्णन द्वारा दशम गुरु के इस युद्धा नुराग एवं शौर्य का यशोगान करना ही है। घटनाएं अधिकतर इतिहासना कूल हैं। यद्यपि कवि ने चरित्र-नायक के अवतारत्व को स्वीकार किया है, तथापि उसमें ऐसी चमत्कारपूर्ण और अलौकिक घटनाओं का समावेश नहीं किया गया, जैसा कि परवर्ती प्रबन्धकारों ने किया है। इस रचना में खालसा रचने का विवरण एवं खालसा के गुण, केश, कृपाण आदि रहित मर्यादा का भी वर्णन है ।

सेनापति को युद्ध वर्णन की प्रेरणा 'विचित्र नाटक' से ही मिली है, किन्तु 'विचित्र नाटक' में जहां गुरु गोविन्दसिंह के खालसा की स्थापना के पूर्व के युद्धों का वर्णन हुआ है, वहां इस ग्रंथ में खालसा पंथ की स्थापना के बाद के युद्धों का भी चित्रण किया गया है। 

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके, आप लिखित पुस्तक गुरु शोभा पीडीएफ में डाउनलोड कर सकते हैं।


Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

गुरु शोभा | Guru Shobha PDF

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

डॉ. जयभगवान गोयल / Dr. Jai Bhagwan Goyal

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

Hindi

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

7 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 112

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

धार्मिक / Religious


 


 


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