कुण्डलिनी साधना प्रसंग | Kundalini Sadhana Prasang Hindi PDF Book by Arun Kumar Sharma

कुण्डलिनी साधना प्रसंग इन हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Kundalini Sadhana Prasang  PDF Download Free 

कुण्डलिनी साधना प्रसंग | Kundalini Sadhana Prasang Hindi PDF Book by Arun Kumar Sharma

Kundalini Sadhana Prasang Book in PDF Download

In the Kundalini sadhna context, many incidents are described and supernatural miraculous events are also mentioned. Which can also be called the transcendental world. There are three main worlds in the universe. Atmanaya world, Manomaya world and Matter world. All three have their own science. The science of the self-realized world is spirituality. On the other hand, the science of the mental world is psychology and the parapsychology is the science of the material world, in the same way, physical science is the mental world in the form of a bridge between the self and the material world. Mind is the bridge connecting the two worlds. That is why the mind is called the king in yoga. It maintains balance in both the worlds. The kingdom of the conscious mind is the objective world and the kingdom of the subconscious mind is the subjective world.

The purpose of any sadhna, whether it is of yoga or tantra, at the root of all sadhna is the cultivation of mind and soul. This sadhana moves from the objective world to the subjective world. When the seeker transcends the objective being and enters the subjective being, then all the unbelievable things start happening. What we call a miracle.

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प्रस्तुत पुस्तक कुण्डलिनी साधना प्रसंग में बहुत सारे प्रसंगों का वर्णन एवं अलौकिक चमत्कारपूर्ण घटनाओं का भी उल्लेख है। जिसे पारलौकिक जगत भी कह सकते हैं। विश्व जगत में तीन मुख्य जगत हैं। आत्ममय जगत, मनोमय जगत और पदार्थमय जगत। इन तीनों का अपना-अपना विज्ञान है। आत्ममय जगत का विज्ञान अध्यात्म है। वहीं मनोमय जगत का विज्ञान है मनोविज्ञान और परामनोविज्ञान उसी प्रकार पदार्थमय जगत का विज्ञान है भौतिक विज्ञान आत्म जगत और वस्तु जगत के बीच में यानि सेतु के रूप में मनोमय जगत है। मन दोनों जगत को जोड़ने वाला सेतु है। इसलिए मन को योग में राजा कहा गया है। यह दोनों जगत में सन्तुलन रखता है। चेतन मन का राज्य वस्तुपरक जगत है और अवचेतन मन का राज्य आत्मपरक जगत है।

किसी भी साधना का उद्देश्य चाहे वह योग का हो या तंत्र का, सभी साधना के मूल में है मन और आत्मा की साधना। यह साधना वस्तुपरक जगत से आत्मपरक जगत की ओर जाती है। जब साधक वस्तुपरक सत्ता का अतिक्रमण कर आत्मपरक सत्ता में प्रवेश करता है तो तमाम अविश्वसनीय घटनायें घटने लगती हैं। जिसे हम चमत्कार कह कर टाल देते हैं।

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Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

कुण्डलिनी साधना प्रसंग | Kundalini Sadhana Prasang  PDF

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

अरुण कुमार शर्मा / Arun Kumar Sharma

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

Hindi

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

17 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 404

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

sadhana


 


 


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