यज्ञोपवीत संस्कार हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Yagyopaveet Sanskar PDF Download Free
Some Excerpts From the Book Yagyopaveet Sanskar
Where the ancient sages had introduced the varna system for social order, they had also arranged sixteen rites for physical purification. In those sixteen samskaras from birth till death all the necessary and changing stages have come. Upanayana is also one of them. We can also call it Vedarambh or Vidyarambh Sanskar.
The Vedas were the main part of our education in the Vedic age. It was considered the duty of every dvija to study the Vedas. The result of this was that India was counted as Shirmaur in the whole world. Science, art, spiritual education, from any point of view, everyone was at the peak of progress. The West, which takes pride in its scientific progress, is still far behind that ancient East. All this was the glory of the teachings of the Vedas.
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यज्ञोपवीत संस्कार पुस्तक के कुछ अंश
प्राचीन ऋषियों ने जहाँ समाजिक सुव्यवस्था के लिए वर्ण व्यवस्था प्रचलित की थी, वहाँ शारीरिक शुद्धीकरण के लिए उन्होंने सोलह संस्कारों की भी व्यवस्था को थी। उन सोलह संस्कारों में पैदा होने से मृत्यु होने तक सभी आवश्यक तथा परिवर्तनशील अवस्थाएँ आगई हैं। उपनयन भी उनमें से एक संस्कार है। इसे हम वेदारंभ या विद्यारंभ संस्कार भी कह सकते हैं।
वैदिक युग में हमारी शिक्षा का प्रमुख अंग वेद थे । प्रत्येक द्विज का यह कर्तव्य समझा जाता था कि वह वेदाध्ययन करे । इसका परिणाम यह था कि भारत समूचे विश्व में शिरमौर गिना जाता था । विज्ञान, कला, आध्यात्मिक विद्या, किसी भी दृष्टि से देख लीजिए सभी में उन्नति के शिखर पर था। अपनी वैज्ञानिक उन्नति पर अभिमान करने वाला पश्चिम अभी तक उस प्राचीन पूरब से बहुत पीछे है । यह सब वेदों की शिक्षा का प्रताप था ।
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Particulars (विवरण) | (आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी) |
यज्ञोपवीत संस्कार | Yagyopaveet Sanskar PDF | |
अज्ञात / Unknown | |
Hindi | |
Ved-Puran |
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