कुंवारी हवेली : प्रियांशी जैन द्वारा मुफ़्त पीडीऍफ़ पुस्तक हिंदी में | Kuwari Haveli By Priyanshi Jain PDF Book In Hindi Free Download
Some Excerpts From the Book Kuwari Haveli
Damini was lying alone in her room. As if sleep was far away from the eyes. Just closing my eyes was remembering the time gone by. She was 20 years old when she first stepped into this mansion by becoming the wife of Virbhadra Singh. So much has changed in the last 13 years. In the bygone years, this haveli had become a deserted mansion rather than a mansion.
Damini was the daughter of a nearby landowner. She was not much educated and had always grown up in the villages. His faith in God was too much. Always engrossed in worship. Never tried to ride, nor did he ever pay attention to himself. He had only 2 jobs in his life. take care of your family
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कुंवारी हवेली पुस्तक के कुछ अंश
दामिनी अपने कमेरे में अकेली लेटी हुई थी. नींद तो जैसे आँखो से कोसो दूर थी. बस आँखें बंद किए गुज़रे हुए वक़्त को याद कर रही थी. वो 20 साल की थी जब वीरभद्र सिंग की बीवी बन कर उसने इस हवेली में पहली बार कदम रखा था. पिच्छले 13 सालों में कितना कुछ बदल गया था. गुज़रे सालों में ये हवेली एक हवेली ना रहकर एक वीराना बन गयी थी.
दामिनी पास के ही एक ज़मींदार की बेटी थी. वो ज़्यादा पढ़ी लिखी नही थी और हमेशा गाओं में भी पली बढ़ी थी. भगवान में उसकी श्रद्धा कुछ ज़्यादा ही थी. हमेशा पूजा पाठ में मगन रहती. ना कभी बन सवारने की कोशिश की और ना ही कभी अपने अप्पर ध्यान दिया. उसकी ज़िंदगी में बस 2 ही काम थे. अपने परिवार का ख्याल रखना
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कुंवारी हवेली | Kuwari Haveli PDF | |
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