वक्रेश्वर की भैरवी : अरुण कुमार शर्मा द्वारा हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Vakreshvar Ki Bhairavi : by Arun Kumar Sharma Hindi PDF Book

वक्रेश्वर की भैरवी : अरुण कुमार शर्मा द्वारा हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Vakreshvar Ki Bhairavi : by Arun Kumar Sharma Hindi PDF Book

 

Vakreshvar Ki Bhairavi  Book in PDF Download

The collection of Yoga-tantra-tales of 'Vakreshwar ki Bhairavi' will, of course, make you look incredible and impossible-natural. Who would believe in today's scientific era, on events that take place beyond the limits of the senses, but one has to accept that the two entities in this material world are subjective power and objective power. Objects coming under objective power can be proved, but not subjective power. Because whatever is within the limits of subjective power, they can be experienced, and they can be felt. Experience is a matter of the mind and experience is a matter of the soul. That is the difference between the two. Being a subject of the mind, experiences can be expressed to some extent in one way or the other, but there is no means to express the feeling because it is a matter of the soul. When the mind becomes self-centered, there is a feeling of sensuous matters.

By clicking on the link given below, you can download the written book Vakreshvar Ki Bhairavi  in PDF by  Arun Kumar Sharma

 

वक्रेश्वर की भैरवी  किताब करें पीडीएफ में डाउनलोड

'वक्रेश्वर की भैरवी' जिन योग-तन्त्र-परक कथाओं का संग्रह है, वे नि:सन्देह आपको अविश्वसनीय और असम्भव-सी लगेंगी, स्वाभाविक भी है। आज के वैज्ञानिक युग में भला कौन विश्वास करेगा, इन्द्रियों की सीमा से परे घटित घटनाओं पर, लेकिन यह तो स्वीकार करना ही पड़ेगा कि इस भौतिक जगत में दो सत्ताएँ हैं आत्मपरक सत्ता और वस्तुपरक सत्ता । वस्तुपरक सत्ता के अन्तर्गत आने वाली वस्तुओं को तो प्रमाणित किया जा सकता है, लेकिन आत्मपरक सत्ता का नहीं। इसलिए कि आत्मपरक सत्ता की सीमा के अन्तर्गत जो कुछ भी है, उनका अनुभव किया जा सकता है, और उनकी अनुभूति की जा सकती है। अनुभव मन का विषय है और अनुभूति है आत्मा का विषय। दोनों में यही अन्तर है। मन का विषय होने के कारण किसी न किसी प्रकार एक सीमा तक अनुभवों को तो व्यक्त किया जा सकता है लेकिन अनुभूति को व्यक्त करने के लिए कोई साधन नहीं है क्योंकि वह है आत्मा का विषय। मन को एकाग्र कर आत्मलीन होने पर इन्द्रियातीत विषयों की अनुभूति होती है।
नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके, आप  लिखित पुस्तक   वक्रेश्वर की भैरवी  हिंदी को अरुण कुमार शर्मा द्वारा पीडीएफ में डाउनलोड कर सकते हैं।


Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

 वक्रेश्वर की भैरवी | Vakreshvar Ki Bhairavi 

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

 अरुण कुमार शर्मा| Arun Kumar Sharma

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

 हिंदी (Hindi) 

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

  10.5 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 211

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

Tantra-Mantra



 

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5 comments:

  1. हमे किताब चाहिये डाउनलोड नही हो रही है कृपया हमे किताब पीडीएफ मे भेज सकते है आप

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  2. हमे किताब चाहिये डाउनलोड नही हो रही है कृपया हमे किताब पीडीएफ मे भेज सकते है आप

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  3. किताब डाउनलोड नही हो रही है

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  4. विकी राऊळApril 16, 2023 at 8:30 PM

    किताब डाउनलोड नही हो रही है

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