राष्ट्रभाषा का इतिहास | Rastrabhasha Ka Itihas PDF in Hindi

राष्ट्रभाषा का इतिहास | Rastrabhasha Ka Itihas Book Download

Rastrabhasha Ka Itihas  Book in PDF Download

We have special pleasure in presenting this fifth book of Honorable Vajpayee ji in front of the Hindi world after the grammar of the national language, Hindi-Nirukta, Manav Dharma- Mimamsa and the sample of good Hindi, because we have full faith that this book will give us that high level. Takes one step further towards the goal, by taking the vow of which we had started in the field of Hindi-publishing. After the acceptance of Hindi written in Devanagari letters as the national language by the Constituent Assembly of India in the last session of September 14, 1646, we are feeling the great responsibility that has fallen on the publishers and printers of the national language and to fulfill it. are striving.

 After getting the proud seat of the national language, the first requirement was felt that it should have a comprehensive grammar, through which the national language could be read and studied smoothly throughout the country. Inspired by the goodwill of fulfilling this vital need of the national language, we have published the "First Grammar of the National Language". If he can achieve anything in his aim, then we will consider our labor worthwhile.

By clicking on the link given below, you can download the written book Rastrabhasha Ka Itihas  in PDF.

राष्ट्रभाषा का इतिहास पीडीएफ में डाउनलोड करे 

राष्ट्रभाषा का व्याकरण, हिन्दी-निरुक्त, मानव धर्म- मीमांसा और अच्छी हिन्दी का नमूना के बाद माननीय वाजपेयी जी का यह पाँचवाँ ग्रन्थरल हिन्दी-जगत् के सामने उपस्थित करते हमें विशेष प्रसन्नता है, क्योंकि हमें पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक हमें अपने उस उच्च लक्ष्य की ओर एक कदम और आगे ले जाती है, जिसका व्रत लेकर ही हमने हिन्दी - प्रकाशन के क्षेत्र में पदार्पण किया था। गत १४ सितम्बर १६४६ के अधिवेशन में भारतीय संविधान सभा द्वारा देवनागरी अक्षरों में लिखित हिन्दी राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकृत हो जाने के बाद राष्ट्रभाषा के प्रकाशकों और मुद्रकों पर जो महान् उत्तरदायित्व आ पड़ा है, उसकी हम अनुभव कर रहे हैं और उसका निर्वाह करने के लिए प्रयत्नशील हैं।

 राष्ट्रभाषा का गौरवपूर्ण आसन मिल जाने के बाद पहली आवश्यकता यह अनुभव की जाती थी कि उसका एक विशद व्याकरण बने, जिसके द्वारा कि देश भरमें राष्ट्रभाषा का पठन-पाठन सुचारू रूप से हो सके। राष्ट्रभाषा की इस महती आवश्यकता की पूर्ति की सदिच्छा से प्रेरित होकर ही हमने "राष्ट्रभाषा का प्रथम व्याकरण" प्रकाशित किया है। यदि वह अपने उद्देश्य में कुछ भी सफल हो सका, तो हम अपने श्रम को सार्थक हुआ समझेंगे ।

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके, आप लिखित पुस्तक राष्ट्रभाषा का इतिहास पीडीएफ में डाउनलोड कर सकते हैं।


Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

राष्ट्रभाषा का इतिहास | Rastrabhasha Ka Itihas PDF

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

किशोरीदास वाजपेयी / Kishoridas Vajpayee

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

Hindi

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

8 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 250

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

इतिहास / History


 


 


 ॥ सूचना ॥
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