Phaldeepika (Bhavartha Bodhini) Book in PDF Download
He lived for a long time in remote Badarikashram, Himalayan region and Vidvajjanalambhuta Mithila for earning all education. Nyaya Vedanta etc. were great scholars of Shat Darshan and by doing penance according to the rules of constant fasting, succeeded in Devaraghan. Then his name was Matreshwar. At the age of 150, he renounced this etheric body through yoga. Due to his study of all disciplines and penance, he also had a great knowledge of astrology and many types of astrology in this Phaldeepika are so unique and serious that readers cannot remain enchanted.
Phaldeepika Granth is an adult work of fruit astrology. Along with the Hindi interpretation, the original verses have also been given so that the heartfelt, by savoring the Sanskrit pranayi origin, can experience great joy from Mantreshwar's sullit verse. It is pointless to explain the importance, utility or multi-discipline of the book, because the book is in front of the readers.
It is hoped that the officers class will also invest this invaluable book on this fallacy in the textbooks that are prescribed for various examinations of astrology, so that students can become very successful astrologers in their future lives.
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यह अखिल विद्योपार्जन के लिये सुदूर बदरिकाश्रम, हिमालय प्रदेश तथा विद्वज्जनललामभूता मिथिला में बहुत काल तक रहे । न्याय वेदान्त आदि षट् दर्शन के प्रकाण्ड विद्वान थे और निरन्तर व्रतोपवास नियमपूर्वक तपस्या कर देवताराघन में सफल हुए। तब इनका नाम मत्रेश्वर हुआ । १५० वर्ष की आयु में योगक्रिया द्वारा इस ऐहिक शरीर का त्याग किया। अखिल विद्याओं का अध्ययन और तपस्या के कारण इनका ज्योतिष का भी अगाध ज्ञान था और इस फलदीपिका में बहुत से ज्योतिष के फलादेश प्रकार इतने अपूर्व और गंभीर हैं कि पाठक मुग्ध हुए बिना नहीं रह सकते ।फलदीपिका ग्रंथ फलित ज्योतिष की प्रौढ़ रचना है। हिन्दी व्याख्या के साथ-साथ मूल श्लोक भी दे दिये गये हैं जिससे सहृदय संस्कृत प्रणयी मूल का रसास्वाद कर, मंत्रेश्वर की सुललित पदावली से प्रकर्ष हर्ष का अनुभव कर सकें। ग्रंथ की महत्ता, उपादेयता या बहुविषयकता की व्याख्या करना व्यर्थ है, क्योंकि पुस्तक पाठकों के सम्मुख है ।
आशा है अधिकारी वर्ग, ज्योतिष की विविध परीक्षाओं के लिये जो पाठ्य पुस्तकें निर्धारित की जाती हैं, उनमें इस फालत विषयक अमूल्य ग्रंथ का भी सन्निवेश करेंगे, जिससे विद्यार्थी अपने भावी जीवन में विशेष सफल ज्योतिषी हो सकें ।
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