अग्नि पुराण (सम्पूर्ण) इन हिंदी | Agni Purana PDF Download Free
Agni Puran Book in PDF Download
Agni Puran holds a special place in Puranic literature due to its wide vision and vast knowledge store. This Purana has special importance in terms of a variety of subjects and public utility. Many scholars have called it the 'Encyclopedia of Indian Culture' on the basis of the subject matter. Agni Puran describes the worship and worship of the trinity – Brahma, Vishnu, and Shiva, and the Sun.
Agni Purana has a special place in Hindu mythological culture. It is also called the Encyclopedia of Scholars. This Purana has been called by Lord Agni himself, hence it is named Agni Purana because of his reading. There is a total of 383 chapters in Agni Purana. The story of all the incarnations of Lord Vishnu is told in these chapters. A brief description of Ramayana and Mahabharata is also found in this Purana. Yama Gita is described in this Purana in which the story of Yama and Nachiketa is mentioned. Agni Purana is also called the left foot of Lord Vishnu.
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अग्निपुराण पुराण साहित्य में अपनी व्यापक दृष्टि तथा विशाल ज्ञान भंडार के कारण विशिष्ट स्थान रखता है। विषय की विविधता एवं लोकोपयोगिता की दृष्टि से इस पुराण का विशेष महत्त्व है। अनेक विद्वानों ने विषयवस्तु के आधार पर इसे 'भारतीय संस्कृति का विश्वकोश' कहा है। अग्निपुराण में त्रिदेवों – ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव तथा सूर्य की पूजा-उपासना का वर्णन किया गया है।
अग्नि पुराण का हिंदु पौराणिक संस्कृति में विशेष स्थान है। इसे विद्वानों का विश्वकोष भी कहा जाता है। इस पुराण को स्वयं भगवान अग्नि ने कहा है इसलिए उनके वाचन के कारण इसका नाम अग्नि पुराण पड़ा है। अग्नि पुराण में कुल 383 अध्याय हैं। इन अध्यायों में भगवान विष्णु के सभी अवतारों की कथा कही गई है। संक्षिप्त रामायण और महाभारत का भी वर्णन इस पुराण में मिलता है। इसी पुराण में यम गीता का वर्णन है जिसमें यम और नचिकेता की कथा है। अग्नि पुराण को भगवान विष्णु का बायां चरण भी कहा जाता है।
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Particulars (विवरण) | (आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी) |
अग्नि पुराण (सम्पूर्ण) | Agni Puran PDF | |
Sanskrit / Hindi | |
842 | |
Njce
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