चिन्ता छोड़ो सुख से जियो इन हिंदी | Chinta Chhodo Sukha Se Jiyo PDF Download Free |
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Every night I would return home alone with a headache. The reason for this headache was despair, worry, pride and rebellion. The rebellion in me was because the golden dreams I had during my college days had turned into nightmares. Was this my life? Was this the great undertaking I had so eagerly awaited? Was it the purpose of my life to do a job I didn't like? Stay with Kasaris, eat useless food and don't have any hope for the future.
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पैंतीस वर्ष पूर्व मैं न्यूयॉर्क के दुःखी नवयुवकों में से था। मैं मोटर ट्रक वेच कर रोजी कमाता था। मोटर ट्रक किस शक्ति से दौड़ती है इस का भी मुझे शान न था। यही नहीं, मै कुछ जानना भी नहीं चाहता था। मुझे अपने धन्धे से नफरत थी। पश्चिम की ५६ वी स्ट्रीट में स्थित कसारियों से भरे अत्यन्त सामान्य रूप से सजे कमरे में रहना मुझे पसन्द नहीं था। मुझे स्मरण है कि मेरी नेक टाइयॉ दीवालों पर ढगी रहती थीं और जब में सवेरे चलने के लिए नेकटाई लेने जाता तो कसारियों कमरे में चारों ओर भागती नजर आती। मुझे सस्ते और गन्दे रेस्ट्रा में भोजन करना अच्छा नहीं लगता था। वे मी कसारियों से भरे रहते थे।
प्रत्येक रात को मैं अकेला सरदर्द से चूर घर लौटता। इस सर दर्द का कारण था - निराशा, चिन्ता, बटुता और विद्रोह मुझ में विद्रोह इसलिये था कि कॉलेज के दिनों में जो सुनहले स्वप्न मैंने देखे थे वे दुःस्वप्न बन कर रह गए थे। यह मी कोई जिन्दगी थी? क्या यही वह महान उपक्रम था जिसकी मने इतनी उत्सुकता से प्रतीक्षा की थी? क्या मेरे जीवन का अभिप्राय यही था कि मैं ऐसी नौकरी करूँ जो मुझे पसन्द न हो। कसारियों के साथ रहूँ, निकम्मा भोजन करूँ और भविष्य से कोई आशा न रखें १.. मेरी, कॉलेज के दिनों के, पुस्तके लिखने के, स्वप्न को साकार करने तथा पढने लिखने के लिये अवकाश की कामना थी।Chinta Chhodo Sukha Se Jiyo Pdf Download free,चिंता छोडो सुख से जियो: डेल कारनेगी | Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo | How to stop Worrying and Start Living PDF Download by Dale Carnegie चिन्ता छोड़ो सुख से जियो पीडीऍफ़ डाउनलोड करें , Books By Dale Carnegie, Dale Carnegie की किताबें डाउनलोड करें.
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