वाल्मीकि एक डाकू थे और भील जाति में उनका पालन पोषण हुआ, लेकिन वे भील जाति के नहीं थे, वास्तव में वाल्मीकि जी प्रचेता के पुत्र थे. पुराणों के अनुसार प्रचेता ब्रह्मा जी के पुत्र थे. बचपन में एक भीलनी ने वाल्मीकि को चुरा लिया था, जिस कारण उनका पालन पोषण भील समाज में हुआ और वे डाकू बने.
पुस्तक का नाम : वाल्मीकि मुनि का जीवन चरित्र
पुस्तक के लेखक : परमानंदजी महाराज
पुस्तक की श्रेणी : जीवनी ,इतिहास
पुस्तक का साइज : 6.7MB
कुल पृष्ठ : 175
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