Rigved Sanhita |
Rigved Sanhita pdf download in hindi : ऋग्वेद - संहिता के बारे में और अधिक जानकारी
ऋग्वेद-संहिता ऋग्वैदिक वाङ्मय का मन्त्र-भाग है। इसमें 1017 सूक्त हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम ग्रंथ माना जाता है। विद्वानों के अनुसार ऋग्वेद 3500 वर्षों से भी अधिक प्राचीन है।
सम्पूर्ण वैदिक वाङ्मय का प्राचीनतम ग्रन्थ होने के कारण इस (शाकल) संहिता को विश्वसाहित्य का प्रथम ग्रन्थ होने का गौरव प्राप्त है। चारों वेदों की संहिताओं की तुलना में यह सबसे बड़ी संहिता है। एक विशालकाय वैदिक ग्रन्थ के रूप में यह अद्भुत और विविध ज्ञान का स्रोत है। भाव, भाषा और छन्द की दृषिट से भी यह अत्यन्त प्राचीन है। इसमें अधिकांश देव इन्द्र, विष्णु, मरुत आदि प्राकृतिक तत्त्वों के प्रतिनिधि हैं। ये पंचतत्त्वों- अगिन, वायु, आदि तथा मेघ, विद्युत, सूर्य आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। सभी वेदों और ब्राह्राण ग्रन्थों में ऋग्वेद या इसकी संहिता का ही नाम सर्वप्रथम गिनाया जाता है। फिर अनेक विषयों की व्यापक चर्चा करने के कारण इस संहिता का वर्ण्यविषयपरक महत्त्व भी स्वीकार किया जाता है।
- पुस्तक के लेखक/ Author of Book :पं. रामगोविन्द त्रिवेदी - Pt. Ramgovind Trivedi
- श्रेणी / Categories : Granth,Ved-Puran
- पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी /hindi
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