कश्मीर शैव दर्शन मूल सिद्धांत | Kashmir Shaiva Darshan Mula Siddhanta - Kailash Pati Mishra

कश्मीर शैव दर्शन मूल सिद्धांत | Kashmir Shaiva Darshan Mula Siddhanta - Kailash Pati Mishra

 काश्मीर शैव दर्शन की उपादेयता

काश्मीर शव दर्शन तान्त्रिक ( आगमिक ) परम्परा का सबसे प्रधान दर्शन है। भारतीय संस्कृति, धर्म एवं दर्शन के क्षेत्र में तान्त्रिक परम्परा का महत्वपूर्ण योगदान है। तान्त्रिक दर्शन में जीवन के ऐसे सत्यों की गवेषणा है, जिन्हें जानना सुखी जीवन के लिए अपरिहार्य है उन चिरन्तन सत्यों का ज्ञान आज के जीवन में भी संगत है तन्त्र ने चिरन्तन नवीन रहने वाला स्वस्थ जीवन दर्शन दिया है। तान्त्रिक (आगमिक ) जीवन-दर्शन की सबसे बड़ी विशेषता है जीवन एवं जगत के प्रति भावात्मक ( positive ) दृष्टिकोण । तन्त्र ने जगत् एवं जागतिक मूल्यों ( values ) को स्वीकार कर उन्हें इस प्रकार वरतने की विधा दी है जिससे हम सुखी एवं स्वस्थ जीवन बिताते हुए जोवन के चरम लक्ष्य आत्मप्राप्ति की ओर अग्रसर होते रहें । यहां भोग और योग का प्रवृत्ति एवं निवृत्ति का समन्वय है यहां भोग भी योग बन जाता है एवं साधारणतया बन्धन करने वाला संसार स्वयं मोक्ष का साधन बन जाता है ।"

निषेधात्मक जीवन-दर्शन का मार्जन :-इस जीवन -दर्शन का महत्व तब और भी प्रखर रूप से सामने आता है जब हम इसे ऐसे जीवन-दर्शनों के समकक्ष रखकर विचार करते हैं, जिनमें जीवन एवं जगत् को नकारा गया है तथा आत्म प्राप्ति के लिए संसार के त्याग ( संन्यास ) की शिक्षा दी गई है । उदाहरण के लिए वेदों ( उपनिषदों ) को आधार मानकर चलने वाला अद्वैत-वेदान्त दर्शन यह मानता है कि परम-तत्व ब्रह्म ( आत्मा ) वस्तुतः निष्क्रिय तत्त्व है; वह स्वयं में कुछ भी नहीं करता, सारा सृष्टि-व्यापार ब्रह्म पर अविद्या (या माया) के द्वारा आक्षिप्त ( super-imposed ) है दूसरे शब्दों में, अविद्या के कारण पैदा हुआ संसार ब्रह्म ( जो हमारा वास्तविक स्वरूप है ) के ऊपर पड़ा हुआ पर्दा अबवा अवरोध है । फलतः यदि अपने वास्तविक स्वरूप (आत्मा या ब्रह्म ) को पाना है तो उसपर पड़े


१. भोगो योगायते यत्र पात्क सुक्ृतायते । मोक्षायते च संसारः कुलधर्म कुलेश्वरि ॥

-कुलार्णव तन्त्र


पुस्तक का नाम/ Name of Book : कश्मीर शैव दर्शन मूल सिद्धांत | Kashmir Shaiva Darshan Mula Siddhanta
पुस्तक के लेखक/ Author of Book : Kailash Pati Mishra
श्रेणी / Categories :  Granth / ग्रंथ
पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ / Size of Book : 27 MB
कुल पृष्ठ /Total Pages : 231




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