अभिज्ञान शकुन्तला नाटक : कालिदास | Abhigyan Shakuntalam Natak by Kalidas

अभिज्ञान शकुन्तला नाटक : कालिदास | Abhigyan Shakuntalam Natak by Kalidas

Abhigyan Shakuntalam Natak by Kalidas | अभिज्ञान शकुन्तला नाटक : कालिदास 

 इस शकुंतला नाटक में सस्कृत, तथा प्राकृतभाषा, व श्लोक, बहुत से छंदों में गर्भित हैं । सो ही उक्र जनने सुगमता से संस्कृत की भाषा और प्राकृतकी भी स्वदेशीय मध्यदेश की भाषा विभू पितकी है । तथा श्लोकों का प्रतिबिम्ब भाषा अर्थात् (फोटो ग्रাफ्) तसवीर किया है सोही पहिले मंगलावरणपर्वक (नांदी) जो कि नाटक के आदि में आशिपहै सो कहते हैं 
अभिज्ञान शाकुन्तलम् महाकवि कालिदास का विश्वविख्यात नाटक है ‌जिसका अनुवाद प्रायः सभी विदेशी भाषाओं में हो चुका है। इसमें राजा दुष्यन्त तथा शकुन्तला के प्रणय, विवाह, विरह, प्रत्याख्यान तथा पुनर्मिलन की एक सुन्दर कहानी है। पौराणिक कथा में दुष्यन्त को आकाशवाणी द्वारा बोध होता है पर इस नाटक में कवि ने मुद्रिका द्वारा इसका बोध कराया है।

पुस्तक का नाम/ Name of Book :   अभिज्ञान शकुन्तला नाटक | Abhigyan Shakuntala Natak
पुस्तक के लेखक/ Author of Book : कालिदास - Kalidas
श्रेणी / Categories : साहित्य / Literature
पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ / Size of Book :  18 MB
कुल पृष्ठ /Total Pages : 262



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