Unmasking Muhammad Book in PDF Download
Was Muhammad truthful and sincere when he claimed to the title of prophet? Or, was he a vulgar imposter, who posed as a prophet with his eyes upon a throne from the beginning? Wherew can find some concrete evidence that Qur’anic revelations were not Muhammad’s delusions or his conscious fabrications?
Where is the ‘divine’ verification for ‘divine’ revelations? If we put the Qur’an in chronological order and correlate it with the context of Muhammad’s life as was reported in Sira, Sunnah and Hadith we find Allah mirrored Muhammad’s character. Allah was too dumb to be God and too immoral to be Divine.
By clicking on the link given below, you can download the written book Unmasking Muhammad in PDF by Sujitdas.
मुहम्मद का अनावरण हिंदी किताब करें पीडीएफ में डाउनलोड
क्या मुहम्मद सत्यवादी और ईमानदार थे जब उन्होंने पैगंबर की उपाधि का दावा किया था? या, क्या वह एक अशिष्ट विचारक था, जिसने शुरुआत से एक सिंहासन पर अपनी आंखों के साथ पैगंबर के रूप में पेश किया था? कुछ ठोस सबूत मिल सकते हैं कि कुरआन के खुलासे में मुहम्मद के भ्रम या उनके सचेत निर्माण नहीं थे?
’दिव्य’ रहस्योद्घाटन के लिए इस दिव्य ’सत्यापन कहां है? यदि हम कुरान को कालानुक्रमिक क्रम में रखते हैं और इसे मुहम्मद के जीवन के संदर्भ के साथ संबद्ध करते हैं जैसा कि सिरा, सुन्नत और हदीस में बताया गया था तो हमें लगता है कि अल्लाह मुहम्मद के चरित्र को प्रतिबिंबित करता है। अल्लाह बहुत खुदा था और ईश्वरीय होने के लिए बहुत अनैतिक था।
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मुहम्मद का अनावरण | Unmasking Muhammad | |
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