नवरात्रों का नौ दिन का पाठ इन हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Navratron Ka Nau Din Ka Path PDF Download Free
Navratron Ka Nau Din Ka Path Book in PDF Download
Shri Durga Puja especially starts from Pratipada (Padva) of Shukla Paksha of Chaitra and Ashwin month twice every year and lasts till Navami. Due to worship of nine forms of Goddess Durga, Navdurga and nine Tithis (days) are worshiped. It is called Navratri. The Navratras of Chaitra month are called 'Varshik Navratras' and the Navratras of Ashwin month are called 'Sharadiya Navratras'.
Devotees of Bhagwati Durga, being purified from bathing, wearing pure clothes, decorate the place of worship. The idol of Shri Durga should be installed in the mandap. The urn should be established on the right side of the idol and barley should be sown by mixing clay and sand in front of the urn. The lamp should be installed in the east corner of the mandapa. First of all, worship Ganesh ji and worship all the gods and goddesses. After that worship Jagadamba.
The recitation of Saptashati should neither be done in a hurry nor should one sit still while reciting it very slowly.
Stuff -
Water, Gangajal, Panchamrita, Milk, Curd, Ghee, Honey, Sugar, Silk cloth, Garment, Coconut, Sandalwood, Roli, Kalava, Akshat, Flower, Floral, Jaimala, Incense, Lamp, Newaidya, Seasonal fruit, Betel, Betel nut, Clove Before praying, cardamom, seat, chowki, worship pot, aarti, Kalash Navdurga should be applied on the forehead with ashes, sandalwood, roli vaccine. Kavach should be recited after the prayer of Navdurga. Next, read the next rivet. After this, recite the night Sukta, after doing so much, the recitation of Saptashati should be started. The text of Shri Durga Saptashati is described in 13 chapters, in these 13 chapters the mother characters are described. Three characters of Maa Bhagwati are described
The first character The first chapter describes the killing of two demons named 'Madhu and Kaitabh'. Second character- In this, from the second chapter to the fourth chapter, the killing of a demon named Mahishasur has been described.
By clicking on the link given below, you can download the written book Navratron Ka Nau Din Ka Path in PDF.
नवरात्रों का नौ दिन का पाठ पीडीएफ में डाउनलोड करे
दुर्गा-पूजा पाठ विधि तथा सामग्री
श्री दुर्गा पूजा विशेष रूप से प्रतिवर्ष दो बार चैत्र व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा ( पड़वा) से प्रारम्भ होकर नवमी तक चलती है देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होने के कारण नवदुर्गा तथा नौ तिथियों ( दिन) में पूजन होने से इन्हें नवरात्र कहा जाता है। चैत्र मास के नवरात्र 'वार्षिक नवरात्र' और आश्विन मास के नवरात्र 'शारदीय नवरात्र' कहलाते हैं।
भगवती दुर्गा के साधक भक्त स्नानादि से शुद्ध होकर, शुद्ध वस्त्र धारण कर पूजा स्थल को सजाएँ। मण्डप में श्री दुर्गा की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। मूर्ति के दाई ओर कलश की स्थापना करनी चाहिए तथा कलश के सम्मुख मिट्टी व बालूरत मिलाकर जौं बोने चाहिए। मण्डप के पूर्व कोण में दीपक की स्थापना करनी चाहिए। पूजन में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करके सभी देवी-देवताओं की पूजा करें। तत्पश्चात् जगदम्बा का पूजन करें।
सप्तशती का पाठ न तो जल्दी-जल्दी करना चाहिए और न बहुत धीरे-धीरे पाठ करते समय एक ही आसन से निश्चित हो अचल बैठना चाहिए।
सामग्री -
जल, गंगाजल, पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, रेशमी वस्त्र, उपवस्त्र, नारियल, चन्दन, रोली, कलावा, अक्षत, पुष्प, पुष्पमाला, जयमाला, धूप, दीप, नेवैद्य, ऋतुफल, पान, सुपारी, लौंग, इलाइची, आसन, चौकी, पूजन पात्र आरती, कलश नवदुर्गा की प्रार्थना करने से पहले मस्तक पर भस्म, चन्दन, रोली का टीका लगाना चाहिए। नवदुर्गा की प्रार्थना के पश्चात् कवच का पाठ करना चाहिए। इसके बाद अगला और कीलक का पाठ करें। इसके पश्चात् रात्रि सूक्त का पाठ करें इतना कर लेने के बाद सप्तशती का पाठ प्रारम्भ करना चाहिए। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ 13 अध्यायों में वर्णित है इन 13 अध्यायों में माँ चरित्रों का वर्णन है। मां भगवती के तीन चरित्रों का वर्णन है
प्रथम चरित्र पहले अध्याय में 'मधु व कैटभ' नामक दो राक्षसों के वध का वर्णन है। द्वितीय चरित्र– इसमें दूसरे अध्याय से चतुर्थ अध्याय तक महिषासुर नामक राक्षस के वध का वर्णन किया गया है।
नवरात्री 2021 के नौ दिन की तिथियां व नौ देवी के नाम:-
क्र० सं० दिन व तारीख माता का नाम
1. पहला दिन (07-10-2021) - शैलपुत्री (पहाड़ों की पुत्री)
2. दूसरा दिन (08-10-2021) - ब्रह्मचारिणी ( ब्रह्मचारीणी)
3. तीसरा दिन (09-10-2021) - चंद्रघंटा (चाँद की तरह चमकने वाली)
4. चौथा दिन (10-10-2021) - कूष्माण्डा (पूरा जगत उनके पैर में है)
5. पांचवा दिन (11-10-2021) - स्कंदमाता (कार्तिक स्वामी की माता)
6. छठा दिन (12-10-2021) - कात्यायनी (कात्यायन आश्रम में जन्मी)
7. सातवाँ दिन (13-10-2021) - कालरात्रि (काल का नाश करने वाली)
8. आठवाँ दिन (14-10-2021) - महागौरी (सफेद रंग वाली मां)
9. नौवाँ दिन (15-10-2021) - सिद्धिदात्री (सर्व सिद्धि देने वाली)
नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके, आप लिखित पुस्तक नवरात्रों का नौ दिन का पाठ पीडीएफ में डाउनलोड कर सकते हैं।
Particulars (विवरण) | (आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी) |
नवरात्रों का नौ दिन का पाठ | Navratron Ka Nau Din Ka Path PDF | |
Hindi | |
No comments:
Post a Comment