बृहद् विमानशास्त्र हिंदी ग्रंथ : महर्षि भरद्वाज प्रणीत | Brahad Vimanshastra Hindi Granth : Maharishi Bhardwaj Pranit

बृहद् विमानशास्त्र हिंदी ग्रंथ : महर्षि भरद्वाज प्रणीत | Brahad Vimanshastra Hindi Granth : Maharishi Bhardwaj Pranit
Brahad Vimanshastra 

 Brahad Vimanshastra Hindi Granth| Maharishi Bhardwaj Pranit :बृहद् विमानशास्त्र हिंदी ग्रंथ | महर्षि भरद्वाज प्रणीत 

वाल्मीकि रामायण का पुष्पक विमान आबालवृद्ध प्रसिद्ध एवं लोकविदित ही है। पुनः महाराजा भोज के "समराङ्गणसूत्रधार" ग्रन्थ में भी पारे से उड़ने वाले विमान का उल्लेख है। ऐसे ही "युक्तिकल्पतरु" में भी विमान की चर्चा होती है। अतएव विमान के आय्यों एवं आयावर्त (भारत) की पुरातनकला है। उसी पुरातनकलापरम्परा में यह प्रस्तुत प्रन्थ भी जानना चाहिए। आर्य आस्तिक थे उनका प्रत्येक कार्य आस्तिकभाव से ओत प्रोत रहता था-ईश्वर की स्तुति से प्रारम्भ होता था, ऐसा ही आचार इस ग्रन्थ में भी उपलब्ध होता है
यद्विमानगतास्सर्वे यान्नि ब्रह्म पर पदम् । तन्ना त्वं परमानन्द श्रुति मस्तक गोचरम् ॥१॥ (मंगलाचरण श्लोक-१) माण्डूक्ये च दोड्डेर. परापर विभागतः । विमानत्वेन मुनिना तदेवात्राभिवणित ॥१५॥ वाचक प्रणव पुत्र विमान इति परिणत ॥१६॥ तमारुह्य यथाशास्त्र गुरु तेनैव वत्मना । ये विशन्ति ब्रह्मपद ब्रह्मचर्यादिमाधनात्

यस्य तत्पुष्पक नाम विमान कामग शुभम् । वीर्यादाजित भद्रे येन यामि विहायसा॥ (वाल्मीकि रा०पारण्य० ४८६) लघु दारुमय महाविहङ्ग दृटमुदिष्टतनु विषये तस्य । उदरे रसयन्त्रमादधीत ज्वलनाधारमघोऽस्य चाग्निचूर्णम् ॥ (समरांगण यन्त्र वि० २१९५) व्योमयानं विमान वा पूर्वमासीन्महीभुजाम् ।। (युक्तिकल्पतर० यान प्र०५०)


  • पुस्तक का नाम/ Name of Book :  बृहद् विमानशास्त्र| Brahad Vimanshastra 
      • पुस्तक के लेखकAuthor of Book : महर्षि भरद्वाज प्रणीत | Maharishi Bhardwaj Pranit
      • श्रेणी / Categories : हिंदू , ग्रंथ,

      • पुस्तक की भाषा / Language of Book हिंदी /hindi

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