सूर साहित्य | Sur Sahitya PDF Download

 

सूर साहित्य | Sur Sahitya

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सूरदास की जीवनी

जीवन की छोटी-मोटी बातों को सम्हाल कर रखने और उन्हें श्रात्म- कथा का रूप देकर काल की गाँठ में बांधने की परिपाटी हमारे यहाँ प्रचलित नहीं हुई। इसके कई कारण हैं। अन्य देशों के मनीषियों की भाँति ऊपर की चमक-दमक और ऐहिक ऐश्वर्य से भारतीय विचारक प्रसन्न नहीं हुए। वे उन वस्तुओं पर अधिक बल देते रहे जिनका संबध मनुष्य की देह से कम, उसकी मनस्चेतना और आत्मा से अधिक या | क्षण क्षण की बातों का हिसाब देना उन्हे नहीं आया । दूसरे, वे अत्यन्त नम्र थे। वे सभी ऊँचे दर्जे के तत्त्वदर्शी ये जो अपने को महत्व देना जानते ही नहीं थे। हमारे कवियों ने अवतारों की कथा गाई, लोक-जीवन संबंधी महान आदर्शों को सब के सामने रक्खा । वे जिन चरित्रों की कथाये गाया करते ये वे इतने उच्च ये कि उनके निर्माताओं को उनके सामने अपने जीवन की विज्ञप्ति की बात सूझी ही नहीं।

यदि हम सूरदास की जीवनी के लिए कुछ खोज करते हैं तो हमें इन आधारों की शरण लेनी पड़ती है :-

१-आत्मनिवेदन संबंधी पद ।

२-सूरदास के कूट पद ।

३-किंवदंतियों।

४-इतिहासकारों और अन्य समकालीन लेख

उल्लेख ।

 

पुस्तक का नाम/ Name of Book : सूर साहित्य | Sur Sahitya
पुस्तक के लेखक/ Author of Book :  रामरतन भटनागर - Ramratan Bhatnagar
श्रेणी / Categories :  जीवनी / Biography
पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ / Size of Book : 7 MB
कुल पृष्ठ /Total Pages : 306


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