गायत्रीउपासनापद्धतिः - राधेश्याम चतुर्वेदी | Gayatri Upasana Paddhati by Shiv Chaitanya Varni

गायत्रीउपासनापद्धतिः - राधेश्याम चतुर्वेदी | Gayatri Upasana Paddhati by Shiv Chaitanya Varni

Gayatri Upasana Paddhati by Shiv Chaitanya Varni |गायत्रीउपासनापद्धतिः - राधेश्याम चतुर्वेदी के बारे में अधिक जानकारी :- 

 गायत्री शब्द से प्रायः सभी लोग परिचित हैं। यह तीन अर्थो को बतलाता है -मन्त्र देवता और छन्द। मन्त्र शब्दात्मक होता है और देवता उसका अर्थ। शब्द और अर्थ में तादात्म्य सम्बन्ध है । इसलिये गायत्री मन्त्र का उच्चारण गायत्री देवता की उपासना है।

प्रस्तुत ग्रन्थ 'गायत्रीउपासनापद्धति' इसी गायत्री देवता की पूजा विधान का संक्षिप्त परिचायक है। गायत्री की सात्त्विक एवं वाम मार्गी दोनो प्रकार की पूजा का विधान शास्त्रों में मिलता इस पुस्तक में केवल सात्त्विक उपासना का वर्णन है । गायत्री वेदमाता और विश्वजननी है। इसकी जितनी अधिक उपासना जितने विधि विधान के साथ की जाय उतना ही अधिक और उत्तम फल देने वाली होती है।



पुस्तक का नाम/ Name of Book :   गायत्रीउपासनापद्धति: | Gayatri Upasana Paddhati 
पुस्तक के लेखक/ Author of Book : राधेश्याम चतुर्वेदी |Shiv Chaitanya Varni
श्रेणी / Categories : Tantra-Mantra,Adhyatm
पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ / Size of Book : 22.8 MB
कुल पृष्ठ /Total Pages : 52



 
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2 comments:

  1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपके भंडार में अनेक दुर्लभ पुस्तके हे।मेरी खोज आपके पोर्टल पर खत्म हुई।

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    1. धन्यवाद आपका हमारी साइट पर आने के लिए।

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