गज़ल संघर्ष | Gazal Sangharsh PDF Download

गज़ल संघर्ष | Gazal Sangharsh PDF Download

गज़ल संघर्ष | Gazal Sangharsh


तूफां तेरे एदीदए-तर देख रहे हैं ॥ | उस शोफ़ सितम-गार के जोबन पै नजर है । हम नरव्ले-तमन्नाके समर देखरहे हैं ॥ कुछवखियाकीरव्वाहिशहैनमरहमकीतलबहै । क्यों लोग मेरा ज़ख्मे-जिगर देखरहे हैं ॥ आगा कहीं छिपताहै सुहब्बतका असरभी। मुद्दतसे चश्मको तेरी तर देखरहे हैं ॥ ३६ ॥

गजल दाग। आई हुई आशिक की तबीअत नहीं जाती। आती है तो आकर यः कयामत नहीं जाती॥ अल्लाहसे महशरमें कहूंगा तेरे आगे । मजबूर हूं मैं इस्की मोहब्बत नहीं जाती ॥ सर जाता है सरसे तेरा सौदा नहीं जाता। दिल जाताहै दिलसे तेरीउल्फत नहीं जाती॥ उठ उठ के वः सो जाते हैं हरबार शबे वस्ल । यह नींद-भरी-आंखोंकीगफलत नहीं जाती।
 

पुस्तक का नाम/ Name of Book :   गज़ल संघर्ष | Gazal Sangharsh
पुस्तक के लेखक/ Author of Book :  unknown - अज्ञात
श्रेणी / Categories :  गजल व शायरी / Shayri - Ghajal
पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ / Size of Book : 4 MB
कुल पृष्ठ /Total Pages : 168



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