श्री विश्वकर्मा महिमा दर्शन | Shri Vishwakarma Mahima Darshan PDF in Hindi - Swami Ramprakashacharya ji

श्री विश्वकर्मा महिमा दर्शन - स्वामी रामप्रकाशाचार्य जी | Shri Vishwakarma Mahima Darshan - Swami Ramprakashacharya ji Free PDF Download

Shri Vishwakarma Mahima Darshan  Book in PDF Download

Shri Vishwakarma Mahima Darshan

Hymns (1)

Raga Asawari, Pad Sangeet

War wise am Balihari.

Vishwakarma God of the world, full capable avatar Ter 4 Seeing the grieving human society, all the art spread. Body full of happiness, hoarded world, stirred up the world with sorrow. 'Chari | The Puranas sing eighteen virtues, the Vedas virtue in the sixty-four arts and the fine arts, the distinction between Vistari ॥2॥ The five sons did tax in the four ages, in the mind of the public. Glory is immortal in all ages, wealth is wealth Funds।।3॥ Saint bhagat virtues gave sabhi, worship all male and female. Ramprakash salutes, all virtues are lost।।4।।

Hymns (2)

Raga Asawari Pad Music

I am wise, Balihari.

Vishwakarma Lord of the world, Purna Samarth Avatar Atterer Seeing the grieving human society, all the art spread. The whole heart was happy, and the world emerged out of sorrow.

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श्री विश्वकर्मा महिमा दर्शन

भजन (1)

राग आसावरी, पद संगीत

वार वार हूँ बलिहारी ।

विश्वकर्मा भगवान जगत के, पूरण समर्थ अवतारी ॥ टेर ॥ मानव समाज को दुःखी देख कर, सारी कला पसारी । तन मन सुखी सकल भंडारी, दुःख से जगत उभारी ।।1।। 'चारी | पुराण अठारह गुण को गावे, कथे वेद गुण चौसठ कला और ललित कला में, भेद कियो विस्तारी ॥2॥ पांचों पुत्रों ने चारों युग में, जन मन में कर उपकारी । युग युग में महिमा अमर है, धन धन है धनकारी ॥3॥ संत भगत गुण गावे सबही, पूजा करे सब नर नारी । रामप्रकाश प्रणाम करत है, गुण गावत ही सब हारी ।।4।।

भजन (2)

राग आसावरी पद संगीत

मैं वार वार हूँ बलिहारी।

विश्वकर्मा भगवान जगत के, पूरण समर्थ अवतारी ॥टेर ॥ मानव समाज को दुःखी देख कर, सारी कला पसारी । तन मन सुखी सकल भंडारी, दुःख से जगत उभारी ।

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Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

 श्री विश्वकर्मा महिमा दर्शन | Shri Vishwakarma Mahima Darshan

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

 Swami Ramprakashacharya ji - स्वामी रामप्रकाशाचार्य जी

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

 हिंदी (Hindi) 

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

  9.7 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 35

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

Bhajans,sadhana



 


 


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