Shraddha Bedhi Parkaran Book in PDF Download
Although Jain Sahitya has been published in a special evidence today in Jain Sahitya Prakrit and Sanskrit, but the Shravak Society of Schankar Tyagigarg can not take some benefit from it. He can get his benefit, if he gets access to that type of language in his regular colloquial language. For this reason, I translate the Gurajar Giras of this great text in Hindi Hindi, due to the inspiration of Hindi language in Jainaajaja today in Jainaajaja and the perfectness of Shravak in the duties of Shravak. Simple Knowledge Dharmapasu humans always have special attention towards religious activity and it is urgent, but as long as the man who is in his religious and practical action, Can not even take special benefits. This book is unique for the procedure to complete this holido.
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श्राद्ध विधि प्रकरण पीडीएफ में डाउनलोड करे
यद्यपि पूर्वाचायों द्वारा रचित जैन साहित्य प्राकृत एवं संस्कृत में आज विशेष प्रमाण में प्रकाशित हो गया है परन्तु विद्वान् त्यागीवर्ग के सिवा श्रावक समाज उससे कुछ लाभ नहीं उठा सकता। उसे यदि अपनी नित्य बोलचाल की भाषा में उस प्रकार के ग्रन्थोंका सुयोग मिले तब ही वह उसका लाभ प्राप्त कर सकता है। इसी कारण मैंने हिन्दीभाषा मापी कई एक मजनों की प्रेरणा से जैनसमाज में आज सूत्रसिद्धान्त की समानता रखने वाले और श्रावक के कर्तव्यों में परिपूर्ण श्राद्धविधि प्रकरण-श्रावक विधि नामक इस महान् ग्रन्थ का गुर्जर गिरासे राष्ट्रभाषा हिन्दी में अनुवाद किया है। साधारण ज्ञानवान धर्मपिपासु मनुष्यों का सदैव धार्मिक क्रियाकाण्ड की ओर विशेष ध्यान रहता है और ऐसा होना अत्यावश्यक है, परन्तु जब तक मनुष्य को अपने करने योग्य धार्मिक और व्यवहारिक क्रिया कलापका विधि विधान एवं उन क्रियाओं में रहे हुये रहस्यका परिज्ञान न हो तब तक वह उन क्रियाओं के करनेसे भी विशेष लाभ नहीं उठा सकता। इस छुटिको पूर्ण करने के लिये क्रियाविधि वादियों के वास्ते यह ग्रन्थ अद्वितीय है।
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Particulars (विवरण) | (आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी) |
श्राद्ध विधि प्रकरण | Aghori Tantra PDF | |
Hindi | |
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