16 सोमवार व्रत कथा | Solah Somvar Vrat Katha Arhtat Shiv Mansa Vrat PDF in Hindi

16 सोमवार व्रत कथा | Solah Somvar Vrat Katha Arhtat Shiv Mansa Vrat Book PDF Download

Solah Somvar Vrat Katha Book in PDF Download

Maharishi Narada, Markandeya, Pushpdantacharya, Ravana, Banasura, Bhasmasura, etc., and the great 2 innumerable gods, Yakshas, ​​Gandharvas, Kinnars, Manavs, and Asurgans have attained the supreme accomplishments immediately by worshiping Lord Shri Shankarji. Giving its witness from time immemorial, the Vedas, Upanishads, Smritis, Puranadi Dharma texts are making the faces of the devotees of the whole world as bright as the moon of Sharad Purnima.

Like the Kalpavriksha of worship of the same Kailaswasi Bholenath, a small religious book named “Sixteenth Varavrata-Katha” (Shivamanasavratkatha), which fulfills his wish immediately, is situated in the service of the devotees of Shiva from the second edition. The said book was not published even in recent times, Bombay, Prayag etc. Its ancient handwritten copies were received in Sanskrit, Hindi, Marathi language, from them, I translated it in simple Hindi language for the best of all, along with the worship material Shivpujanvidhan Shivnamavalyashtak and Shiv Panchaksharastotra Shivamahamantra. After collecting the story, Udyapanavidhi, Aarti, and Shivkirtnadika, including the 'Mahatmya' of Solah Monday-Manasavrat, the world famous "Shri Venkateshwara-Press" President of Bombay, Sir Shreshtivarya Shrimandharmamurti KhemrajShrikrishnadasji, it is devoted to re-publishing it again according to the rule of law.

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जिन आशुतोष भगवान् श्रीशंकरजी की दिव्य-आराधना करके महर्षि नारद, मार्कण्डेय, पुष्पदन्ताचार्य, रावण, बाणासुर, भस्मासुर, आदि, एवंबड़े २ असंख्यदेव, यक्ष, गन्धर्व, किन्नर, मानव, और असुरगण परम उत्कृष्टसिद्धियांतत्कालही प्रत्यक्ष प्राप्तकरचुके हैं। जिनका साक्षी वेद, उपनिषद्, स्मृति, पुराणादिधर्मग्रन्थ अनादि काल से देते हुए आज सारे संसार के भक्तजनों के मुख को शरद पूर्णिमा के चन्द्रमा के समान परम उज्वल कर रहे हैं ।

उन्ही कैलासवासी भोलेनाथ की उपासना की कल्पवृक्ष की भांतिसकलमनोकामना तत्काल पूर्णसिद्ध करनेवाली “सोलहसोम वारव्रत-कथा” ( शिवमनसाव्रतकथा ) नामकछोटीसी धर्म पुस्तक साङ्गोपांगरूप से शिवभक्तों की सेवा में द्वितीय संस्करण से समुप स्थित है । उक्त पुस्तक प्रायःअद्यावधिकाशी, बम्बई, प्रयाग आदि कही परभी प्रकाशित नहीं हुई, इसकी प्राचीन हस्तलिखित प्रतियाँ संस्कृत, हिन्दी, मराठी भाषा में प्राप्त हुई थीं, उनसे मैंने सर्वोपकारार्थ क्रमवद्ध सरल हिन्दीभाषा में ही अनुवाद कर साथ में पूजन सामग्री शिवपूजनविधान शिवनामावल्यष्टक एवं शिव पञ्चाक्षरस्तोत्र शिवमहामन्त्र 'सोलहसोमवार-मनसाव्रतके माहात्म्य' सहित कथा, उद्यापनविधि, आरती, तथा शिवकीर्त्तनादिका अपूर्व संग्रह करके विश्वविख्यात "श्रीवेङ्कटेश्वर- प्रेस" बम्बई के अध्यक्ष महोदय श्रेष्ठिवर्य्य श्रीमान्धर्ममूर्त्ति खेमराजश्रीकृष्णदासजी को यह पुनःपुनः प्रकाशनार्थ, राजनियमानुसार सर्वाधिकारपूर्वकसहर्ष सादर समर्पित की है ।

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Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

16 सोमवार व्रत कथा | Solah Somvar Vrat Katha PDF

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

सिद्धनाथ शर्मा / Siddha Nath Sharma

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

Hindi

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

18 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 76

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

धार्मिक / Religious


 


 


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