सिद्ध प्रयोग (प्रथम भाग) हिंदी पुस्तक | Siddh Prayog (Part 1) Hindi PDF Book

सिद्ध प्रयोग (प्रथम भाग) हिंदी पुस्तक | Siddh Prayog (Part 1) Hindi PDF Book
Siddh Prayog (Part 1) 

Some Excerpts From the Book Siddh Prayog (Part 1)

The transformation of everyone situated on this eternal world wheel is contemptible, it is undeniable. No one in this world is Khadvasura, from Manushadi to Vrikshatrirudhadi, all Kachar is illusory. Remembering this shrata in every Dwijati respect. As - "Ghata yatta putra mah" unknown country in the recent morning, the memorable priest Apta Mahari has always commanded to keep in mind this change-order in Trikaal. Now say; What do you have to think next? Can our Ayurvedic system of medicine remain uninterrupted by falling in the same nature cycle? That means it too could not remain free. In exactly the same occasion, the less intelligent but selfish means - virtuous bandya name-holders misused the Purvacharya's so-called good teachings, due to lack of proper means, they started failing in medical work due to lack of proper knowledge of Ayurveda, and then they started getting praise from the Santra side.

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सिद्ध प्रयोग (प्रथम भाग) पुस्तक के कुछ अंश

इस पाश्वतनशील संसार चक्र पर अवस्थित प्रत्येक का परिवर्तन अवमानी है, यह निविवाद सिद्ध है। अतितात्मक पर्थ इस जगतीतल में कोई भी नहीं खदवासुर, मानुषादि से वृक्षत्रीरुधादि पर्यंत समस्त
काचर भ्रमात्मक है। प्रत्येक द्विजाति सम्मान में यह श्रत स्मरण करते । यथा - "घाता यथा पूत्र मह" अज्ञात देश हाल में समुत्यन्न प्रातः स्मरणीय पुराज आप्त महरियों ने त्रिकाल में इसी परिवर्तन-क्रम को सदा ध्यान रखने की सदाज्ञादी है। अब कहिये; आपको आगे क्या सोचना है ? उसी प्रकृति चक्र में पड़कर क्या हमारी आयुर्वेदीय चिकित्सा प्रणाली निर्वाध रह सकती ? तात्पयें यह भी मुक्त नहीं रह सकी। ठीक ऐसे ही अवसर में अल्पज्ञ किंतु स्वार्थ साधन-पटु बैंद्य नामधारियों ने पूर्वाचार्य कथित सदुपदेशों का दुरुपयोग किया, योग्य साधनों के अभाव से आयुवद का यथाथ ज्ञान न होने से वे चिकित्सा कार्य में असफल होने लगे तत्र तो उनको सन्त्र ओर से स्तुति होने लगी। 

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Particulars

(विवरण)


 eBook Details (Size, Writer, Lang. Pages

(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)

 पुस्तक का नाम (Name of Book) 

सिद्ध प्रयोग (प्रथम भाग) | Siddh Prayog (Part 1) PDF

 पुस्तक का लेखक (Name of Author) 

पं० विश्वेश्वर दयालु जी / Pt. Vishveshvar Dayalu Ji

 पुस्तक की भाषा (Language of Book)

Hindi

 पुस्तक का आकार (Size of Book)

63 MB

  कुल पृष्ठ (Total pages )

 129

 पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)

Literature & Fiction


 
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