श्री गोरक्षनाथ सिद्ध चालीसा |
गोरख चालीसा | Gorakh Nath Siddha Chalisa PDF पुस्तक के बारे में विस्तृत जानकारी
इस हिंदी पुस्तक का नाम गोरख चालीसा | Gorakh Nath Siddha Chalisa | Mahan Arya Hindi Jaati Vinash ke Marg par है और इस पुस्तक के लेखक का नाम Yogi Vilash Nath है। यह पुस्तक PDF फॉर्मेट में उपलब्ध है जिसका साइज 3 MB है और आप इसे नीचे दिए हुए लिंक से मुफ्त में डाउनलोड भी कर सकते हैं। इस पुस्तक में कुल 60 पृष्ठ हैं।The Name of this Book is गोरख चालीसा | Gorakh Nath Siddha Chalisa and this Book is written by Yogi Vilash Nath. The size of this book is 3 MB and if you want to read or download this PDF ebook in Hindi just click on the given link below and download this PDF Book which has 60 Pages and comes in the Religious category.
Author of the Book |
Book Category |
Book Size |
Total Pages |
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चालीसा, मंत्र |
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From the Book: :
“ध्यानम् "
ॐ शिवस्वरुपं गोरक्षनाथम् निरंजनो ऋद्धि सिद्धि वर दायकम् ।
महामत्स्येन्द्र नन्दनम् नाती पुत्र आदि नाथम् ॥ जटिला भिधः सेल्सिंगी मस्तक चन्द्र सुशोभितम् । झोली झण्डी मिनमेखला कटीवस्त्र मृगछाला धारणम् ।। योगी युक्तः समाधिना वटवृक्ष छाया पद्मासनम् । मादेश सतु मम तत्र योगेश्वरो, सर्वदाः मम हृदय निवासनम् ॥
अर्थ- हे गुरु गोरक्षनाथ जी आप निरंजन एवं शिव स्वरूप हैं तथा आप ऋद्धि सिद्धियों का वरदान देने वाले हैं। हे गुरु गोरक्षनाथ जी आप माया स्वरुपी दादा महामत्स्येन्द्र नाथ जी के सुपुत्र (शिष्य) हैं एवं आदि नाथ जी के नाती हैं। आप जटाजूट धारी एवं सेली सिंगी धारण किये हुए हैं आपके मस्तक पर विराजित चन्द्र अतिषय शोभायमान है। आप झोली व भगवा ध्वज लिये हुए कमर में मिन मेखला व मृगछाला पहने हुए हैं। अतः वट वृक्ष की शीतल छाया में पद्मासन लगा के योग युक्त समाधि लगी हुई है। वह योगेश्वर सदा सर्वदा मेरे हृदय में * निवास करे उस योगेश्वर को मेरा ॐ आदेश आदेश आदेश ।
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