महाराज श्रेणिक और श्रमण भगवान महावीर | Maharaj Shrenik Or Shraman Bhagawan Mahaveer | Hindi PDF Download

महाराज श्रेणिक और श्रमण भगवान महावीर | Maharaj Shrenik Or Shraman Bhagawan Mahaveer | Hindi PDF Download
महाराज श्रेणिक और श्रमण भगवान महावीर 

 Raja Shrenik and Mahavir Swami Original story  -

श्रेणिक महाराज और श्रमण भगवान महावीर

श्रमण भगवान महावीर वर्तमान चौबीसी के अन्तिम चौबीसवें तीर्थंकर और श्रेणिक महाराज भावी चौबीसी के प्रथम तीर्थंकर श्री पद्मनाभ को कोटिश वन्दन। महावीर के अरिहन्त काल में राजगृह नगर के महाराज शिशुनागवंशीय प्रसन्नजीत का शासन काल था । महाराज वैभवशाली शुभ लक्षणों से युक्त शरीर और देदीप्यमान यश का धारण करनेवाला, अत्यन्त ज्ञानवान, कल्पवृक्ष के समान दानी, चन्द्रमा के समान तेजस्वी, सूर्य के समान प्रतापी, इन्द्र के समान परम ऐश्वर्यशाली, कुबेर के समान धनी और समुद्र के समान गम्भीर था। इसके अतिरिक्त वह त्यागी था, भोगी था, मुखी था, धर्मात्मा व चतुर शूर और निर्भय था। महाराज ने चिरकाल पर्यन्त भोग किया, समस्त पृथ्वी को उपद्रवों से रहित कर दिया। भव्य जीवों को धर्म की कृपा से राज्य सम्पदा की प्राप्ती और धर्म पुण्य से उत्तमोतम स्त्रियों और आज्ञाकारी अत्तम पुत्र भी मिलते हैं।
दोनों राजा-रानी के पुण्य उदय से महान ऋद्विधारक श्रेणिक नाम का पुत्र उत्पन्न हुआ। कुमार श्रेणिक में सर्वोत्तम गुण थे, उसका रूप शुभ था और अतिशय अत्यन्त निर्मल था। कुमार श्रेणिक के कामिनी स्त्रियों के मन को लुभाने वाले थे।
कुमार थेणिक जन्म से पहले की थोड़ी से दृष्टि डाले कि किसी का उपहास करना और उपेक्षा कर अपनी वचनबद्धता को विस्मृत हो जाना अन्याय से दुःखी आत्मा क्या रुप धारण करती है।


पुस्तक का नाम/ Name of Book : महाराज श्रेणिक और श्रमण भगवान महावीर | Maharaj Shrenik Or Shraman Bhagawan Mahaveer
पुस्तक के लेखक/ Author of Book :  स्वतन्त्र जैन - Swatantra Jain,
श्रेणी / Categories :  धार्मिक / Religious,
पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी | Hindi 
पुस्तक का साइज़ / Size of Book :  151KB
कुल पृष्ठ /Total Pages : 36


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