डार्क हॉर्स : नीलोत्पल मृणाल द्वारा हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Dark Horse : by Nilotpal Mranal Hindi PDF Book

डार्क हॉर्स / Dark Horse Hindi Book in PDF

साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित नीलोत्पल मृणाल की पुस्तक - "डार्क हॉर्स एक अनकही दास्ताँ"

पुस्तक की थीम है - देश की सबसे प्रतिष्ठित सर्विस - सिविल सेवा - की तैयारी कर रहे छात्रों के संघर्ष की दास्ताँ……
कहानी की शुरुआत होती है संतोष के घर भागलपुर (बिहार) से। संतोष बीए पास करने के बाद, सिविल सेवा की तैयारी करने दिल्ली जा रहा है। उसके गाँव से 40 किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन है और पिता जी अपनी बाइक से उसको रेलवे स्टेशन तक पहुँचाने जाते हैं।
इस बीच अनेक ऐसे संवाद हैं जिनके माध्यम से लेखक ने पाठक को यह समझाया है कि बिहार में सिविल सेवा के प्रति लोगों का सम्मोहन कितना ज़्यादा है………
संतोष अगले दिन सुबह दिल्ली पहुँचता है और सिविल सेवकों की मैन्युफैक्चरिंग करने की कंपनियाँ जहाँ स्थापित हैं फिर वहाँ के लिए प्रस्थान करता है - मुखर्जी नगर।
मुखर्जी नगर में संतोष की मुलाकात अपने परिचित रायसाहब से होती है। रायसाहब इस फील्ड के पुराने खिलाड़ी हैं और इस परीक्षा के दूसरे चरण तक पहुँच भी चुके हैं।
अन्य प्रमुख पात्रों में मनोहर, विमलेन्दू, पायल, मयूराक्षी, विदिशा, गुरु, रुस्तम, भरत हैं।
मुझे सबसे ज्यादा गुरु ने प्रभावित किया….गुरु यथार्थ में जीता है…अपनी कमियों को स्वीकार करने की क्षमता रखता है….तार्किक बहस करता है….......…..इसका जीवन-दर्शन भी क़ाबिल-ए-तारीफ़ है….गुरु बस एक जगह निराश करता है प्रेम संबंधों को लेकर (गलतफहमी के कारण)..
सभी पात्रों की पारिवारिक स्थिति अलग-अलग है। किसी के घर की आमदनी का मुख्य स्रोत खेती है तो किसी के पिता जी टीचर। एक पात्र तो ऐसा भी है कि उसके पिता जी का देहावसान हो चुका है और माता जी बहुत बीमार रहती हैं, उसके चाचा उसके खेतों को मनमाने ढंग से कम पैसे देकर अपना अधिकार जमा लेते हैं…..परीक्षा की तैयारी के साथ ही घर की समस्याओं से भी कुछ को निपटना पड़ता है…
मुख़र्जी नगर में जहाँ एक ओर पढ़ने वालों की कमी नहीं है तो वहीं दूसरी ओर सिगरेट के धुएँ से दुनिया का मानचित्र बना लेने वाले भी अनेक हैं।
यहाँ पास हो तो खुशी में और फेल हुए तो गम में सोमरस में डूबने का भी प्रचलन है। सोमरस में डूबे ज्ञानरस …..
भाषा बिहार की टोन में है और यथार्थ वर्णन के लिए गालियों का भी प्रयोग लेखक ने किया है….हिंदी साहित्य में यथार्थ वर्णन के लिए यह कोई नया प्रयोग नहीं है….ऐसा पहले भी हो चुका है.
इसमें हास्य व्यंग्य भी पर्याप्त मात्रा में है। किसी-किसी पेज को पढ़ते समय तो हँसी ज्यादा आती है और पढ़ाई कम हो पाती है…
इसके साथ ही कहीं-कहीं पढ़ते समय आँखों में आँसू भी आ जाते हैं….
एक छात्र किस तरह क्लास करने के साथ ही खाने की समस्या से परेशान रहता है, इसका भी जीवंत वर्णन इसमें किया गया है।
एक बार असफल हुए तो दूसरी कोचिंग और उसके बाद असफल तो अगली कोचिंग…
कुछ प्रेम-प्रसंगों की भी चर्चा है। पायल को तो लेखक बोल्ड नहीं, क्लीन बोल्ड लड़की क़रार देता है…
साथ ही जन्मदिन को मनाने का आनंद और अगर किसी के गाँव से कोई परिचित आ जाए तो उसको दिल्ली घुमाने का दर्द…..सब कुछ इस उपन्यास में है।
गौरतलब है कि जो सिविल सेवक बन जाते हैं, वे तो चहुँओर प्रसिद्ध हो जाते हैं लेकिन जो इतना संघर्ष करने के बाद भी असफल हो जाते हैं, उनकी कोई बात ही नहीं करता। इस पुस्तक में उन असफल परीक्षार्थियों की मानसिक स्थिति को भी अभिव्यक्त किया गया है।
यह पुस्तक उन अभिभावकों को अवश्य पढ़ना चाहिए, जिनके बच्चे सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं या करना चाहते हैं।
इस पुस्तक में कुल 176 पेज हैं और कहानी 9वें पेज से शुरू होती है। कहानी 27 भागों में विभाजित है। शब्दों का फॉन्ट भी बहुत छोटा नहीं है। अतः आराम से इसे चार घण्टे में पढ़ा जा सकता है। और अगर रीडिंग स्किल अच्छी है तो 3 घण्टे से भी कम समय में आप मुखर्जी नगर की यात्रा कर सकते हैं…
 

पुस्तक का नाम/ Name of Book :   डार्क हॉर्स / Dark Horse Hindi Book in PDF
पुस्तक के लेखक/ Author of Book :  नीलोत्पल मृणाल / Nilotpal Mranal
श्रेणी / Categories :  उपन्यास / Novel
पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ / Size of Book : 1 MB
कुल पृष्ठ /Total Pages :  100


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