जैसे उनके दिन फिरे - हरिशंकर परसाई | Jaise Unke Din Phire - Harishankar Parsai | Hindi PDF Download
एक था राजा। राजा के चार लड़के। रानियां तो अनेक थीं, महल में एक 'पिंजरापोल' ही खुला था। पर बड़ी रानी ने बाकी रानियों के पुत्रों को जहर देकर मार डाला था और इस बात से राजा साहब बहुत प्रसन्न हुए। वे नीतिवान थे और जानते थे कि चाणक्य का आदेश है, 'राजा अपने पुत्रों को भेड़िया समझे।' बड़ी रानी के चारों लड़के जल्दी ही राजगद्दी पर बैठना चाहते थे, इसलिए राजा साहब को बूढा होना पड़ा।
पुस्तक का नाम/ Name of Book : जैसे उनके दिन फिरे - व्यंग | Jaise Unke Din Phire
पुस्तक के लेखक/ Author of Book : हरिशंकर परसाई - Harishankar Parsai
श्रेणी / Categories : व्यंग्य / Vyangya
पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ / Size of Book : 2.9 MB
कुल पृष्ठ /Total Pages : 17
॥ सूचना ॥
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