प्राणायाम - रहस्य | Prarnyam-rahshya

 प्राणायाम रहस्य Book PDF

प्राणायाम - रहस्य | Prarnyam-rahshya
प्राणायाम - रहस्य

Description (विवरण) :-

प्राणायाम की उपयोगिता

प्राणायाम क्या है ?- "प्राणायाम" इस पद में दो शब्द मिले हैं-अर्थान् प्राण + आयाम । प्राण से तात्पर्य लिया जाना है श्याम, यानी सांस लेना और प्रश्वास यानी सांस छोड़ना। इसी क्रिया के द्वारा शरीर में प्राणशक्ति स्थिर रहती है। इसलिए इन दोनों कियाथों को मिलाकर "प्राण" संज्ञा दी गई है। और "यायाम" कहते हैं पशमें करने के, अथवा फैलाने को इसलिए "प्राणायाम" इस सम्पूर्ण पद का अर्थ हुआ-प्राण को वश में करना अथवा उसको मनाना । अर्थान् श्वास-प्रश्वास को अपने इच्छा. मुसार वश में करके, उमको अव्यवस्थित गति का अवरोध करके, उसको फैलाना-अर्थात् उमकी अवधि को बढ़ाना-अर्थात् चाहे जितने काल तक इम प्राणं फे अपने अन्दर या बाहर रख सकें। इस क्रिया से प्राणशक्ति अपने घश में हो जाती है। इसीलिए योगाभ्यास में "प्राणायाम" का विशेष महत्व है ।

पुस्तक का नाम/ Name of Book :   प्राणायाम - रहस्य | Prarnyam-rahshya
पुस्तक के लेखक/ Author of Book :  स्वामी सर्वानन्द सरस्वती - Swami Sarvanand Sarsvati
श्रेणी / Categories :  Yoga,health books
पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ / Size of Book : 2 MB
कुल पृष्ठ /Total Pages : 234



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