श्री महाभागवत उपपुराण | Shri Mahabhagwat Uppuran |
Shri Mahabhagwat Uppuran Book in PDF Download
Shakti-Sadhana has always existed in some form or the other in all the sects of the world. The main components of Shakti-sadhana have always been congruent towards Indian music through Vedic hymns, mythological stories, hymns, poems, folk tales and folk songs.
Worship of Goddess Shashti Devi, Matrika worship, Gayatri Sadhana, Navdurga-worship, Mahavidya-worship to folk deities like Chauramata and Shammo Mata in the form of Goddess, automatically confirms the prevalence of Shakti-sadhana in India.
Today, Durga Saptashati, Devi Bhagwat and many other Tantriks are revered as literary means of power spiritual practice, but in one of these means the main name has been neglected, that is- "Maha Bhagavat Upapuranam". Through this book, we are conveying to you this unique flower of Shakti-sadhana, in which, in a very easy way, mainly Bhagwati Kali's Sati, Parvati, Gangaroops as well as Krishnavatar, Rama's Shakti Sadhana, origin of Mahavidyas and Upasana, Kamakhya Mahatmya, Kali and Shiva Sahasranama, Ganga Shatnam, Stotras have been described in a very effective and easy manner.
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शक्ति-साधना विश्व के सभी सम्प्रदायों में किसी न किसी रूप में सदैव विद्यमान रही है। शक्ति-साधना के मुख्य अवयव भारतीय वाड्मय की ओर वैदिक सूक्तों, पौराणिक कथानकों, स्तोत्रों, काव्यों, लोककथाओं तथा लोकगीतों के माध्यम से सदैव समागमित रहे हैं।
देवपत्त्रियों के रूप में तथा षष्ठी देवी, मातृका पूजन, गायत्री साधना, नवदुर्गा-उपासना, महाविद्या-उपासना से लेकर चौरामाता तथा शम्मो माता जैसी लोकदेवियों तक की पूजा भारतवर्ष शक्ति-साधना की व्यापकता की पुष्टि स्वयमेव कर देती है।
आज दुर्गा सप्तशती, देवी भागवत तथा अनेक तान्त्रिक वाङ्मय शक्ति साधना के साहित्यिक साधन के रूप में प्रतिष्ठित हैं, किन्तु इन साधनों में एक में मुख्य नाम उपेक्षित रहा है, वह है- "महाभागवत उपपुराणम्"। इस ग्रन्थ के माध्यम से हम शक्ति-साधना के इस अनुपम पुष्प को आप तक पहुँचा रहे हैं, जिसमें बहुत ही सहज ढंग से मुख्यतः भगवती काली के सती, पार्वती, गङ्गारूपों के साथ-साथ कृष्णावतार, राम की शक्ति साधना, महाविद्याओं की उत्पत्ति एवं उपासना, कामाख्या माहात्म्य, काली एवं शिव सहस्रनाम, गङ्गा शतनाम, स्तोत्रों का वर्णन अत्यन्त प्रभावशाली तथा सहज ढंग से किया गया है।
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श्री महाभागवत उपपुराण | Shri Mahabhagwat Uppuran PDF | |
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